बांदा। पेयजल आपूर्ति की सबसे खराब हालत चित्रकूट जनपद यानि पाठा क्षेत्र की है। यहां एशिया की सबसे बड़ी पाठा पेयजल योजना की स्थापना के बाद भी पानी का भीषण संकट कम नहीं हुआ। गौरतलब है कि इस योजना में 375 गांव शामिल हैं। इसमें 136 गांव इसके फायदे से महरूम हैं। जलसस्थान का कहना है कि 239 गांवों में वे जलापूर्ति कर रहे हैं। चित्रकूटधाम मंडल जल संस्थान के आंकड़े बताते हैं कि चित्रकूट जनपद में 36.31 एमएलडी (तीन करोड़ 63 लाख 10 हजार लीटर प्रतिदिन) पानी की मांग है लेकिन आपूर्ति सिर्फ 24.88 एमएलडी (2 करोड़ 48 लाख 80 हजार लीटर प्रतिदिन) है। कर्वी, सीतापुर, सिमर्धा और मानिकपुर पेयजल योजनाओं में 24.53 एमएलडी पानी की दरकार है लेकिन यहां उपलब्धता सिर्फ 16.65 हो रही है। इसी तरह मऊ, बरगढ़, राजापुर, सूरसेन, पहाड़ी आदि योजनाओं से लगभग 12 एमएलडी पानी की मांग है लेकिन लगभग 8 एमएलडी ही पानी मिल पा रहा है। ब्यूरो