बांदा/महोबा। मई का आखिरी दिन आग बरसाकर विदा हुआ। साथ ही इस मौसम में अब तक की गर्मी का रिकार्ड भी तोड़ गया। जनजीवन 47.5 डिग्री पर तमतमा उठा। उधर, बिजली कटौती ने जनजीवन बुरी तरह प्रभावित कर रखा है। कटौती से कारोबार चौपट हो रहा है। उधर महोबा में अधिकतम तापमान 47.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। घर में टंकियाें का पानी खौल सा रहा है।
बृहस्पतिवार को तापमान के तेवर बेहद तीखे रहे। दोपहर को पारा 47.5 डिग्री सेल्सियस पर जा पहुंचा। गर्म हवाओं के थपेड़ों ने लोगों को घरों में दुबकने के लिए मजबूर कर दिया। जो बाहर निकल पड़े उनकी हालत पतली हो गई। सूरज डूबने तक लोग पसीना-पसीना होते रहे। कयास लगाया जा रहा है कि शुक्रवार को जून की शुरुआत भी जानलेवा मौसम से होगी। इसके पूर्व रात में न्यूनतम पारा भी काफी ज्यादा रहा। यह 26.4 डिग्री से नीचे नहीं गया।
उधर, बिजली कटौती आम लोगों के अलावा कारोबारियों को बर्बाद कर रही है। पीली कोठी और स्टेशन रोड में चल रहे आधा सैकड़ा खराद कारखानों में काम-धंधा चौपट है। खान इंजीनियरिंग वर्क्स के गयासुद्दीन खां ने बताया कि सुबह 10 बजे के बाद कारखाना खुलता है और 11 कटौती शुरू हो जाती है। चार बजे बिजली आती है। लेकिन उसके बाद हर घंटे कुछ देर के लिए बंद होती है। इस बीच जनरेटर से मशीन चलाना पड़ता है। डबल सिलेंडर का जनरेटर तीन लीटर प्रति घंटा डीजल खपाता है। लगभग सवा सौ रुपए प्रति घंटा खर्च आता है। रोजाना करीब चार-पांच घंटे जनरेटर चलाना पड़ता है। 15 लीटर प्रतिदिन खर्च हो रहा है। इसके अलावा 3500 रुपए न्यूनतम के साथ खर्च यूनिट का बिल आता है।
महोबा ब्यूरो के अनुसार बृहस्पतिवार को मौसम के तेवर सख्त हो जाने से गर्मी पूरे शबाब पर पहुंच गई है। इससे लोगाें को पंखे, कूलर चलाने के बाद भी राहत नहीं मिल रही है। लोग लू और तेज धूप से बचने के लिए सिर पर अंगोछा तो महिलाएं दुपट्टा बांधकर निकल रही हैं। रिक्शा और ठेलिया चालक भी दोपहर 12 बजे से 2 बजे के बीच छाया ढूंढने लगते हैं। हालत यह है कि सुबह 8 बजे से ही गर्म हवाएं चलने लगती हैं, जो रात 10 बजे तक गर्मी का एहसास कराती हैं। आग उगल रही सूरज की किरणाें के चलते अधिकतम तापमान 47.8 डिग्री और न्यूनतम तापमान 25.4 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया।
बांदा/महोबा। मई का आखिरी दिन आग बरसाकर विदा हुआ। साथ ही इस मौसम में अब तक की गर्मी का रिकार्ड भी तोड़ गया। जनजीवन 47.5 डिग्री पर तमतमा उठा। उधर, बिजली कटौती ने जनजीवन बुरी तरह प्रभावित कर रखा है। कटौती से कारोबार चौपट हो रहा है। उधर महोबा में अधिकतम तापमान 47.8 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया। घर में टंकियाें का पानी खौल सा रहा है।
बृहस्पतिवार को तापमान के तेवर बेहद तीखे रहे। दोपहर को पारा 47.5 डिग्री सेल्सियस पर जा पहुंचा। गर्म हवाओं के थपेड़ों ने लोगों को घरों में दुबकने के लिए मजबूर कर दिया। जो बाहर निकल पड़े उनकी हालत पतली हो गई। सूरज डूबने तक लोग पसीना-पसीना होते रहे। कयास लगाया जा रहा है कि शुक्रवार को जून की शुरुआत भी जानलेवा मौसम से होगी। इसके पूर्व रात में न्यूनतम पारा भी काफी ज्यादा रहा। यह 26.4 डिग्री से नीचे नहीं गया।
उधर, बिजली कटौती आम लोगों के अलावा कारोबारियों को बर्बाद कर रही है। पीली कोठी और स्टेशन रोड में चल रहे आधा सैकड़ा खराद कारखानों में काम-धंधा चौपट है। खान इंजीनियरिंग वर्क्स के गयासुद्दीन खां ने बताया कि सुबह 10 बजे के बाद कारखाना खुलता है और 11 कटौती शुरू हो जाती है। चार बजे बिजली आती है। लेकिन उसके बाद हर घंटे कुछ देर के लिए बंद होती है। इस बीच जनरेटर से मशीन चलाना पड़ता है। डबल सिलेंडर का जनरेटर तीन लीटर प्रति घंटा डीजल खपाता है। लगभग सवा सौ रुपए प्रति घंटा खर्च आता है। रोजाना करीब चार-पांच घंटे जनरेटर चलाना पड़ता है। 15 लीटर प्रतिदिन खर्च हो रहा है। इसके अलावा 3500 रुपए न्यूनतम के साथ खर्च यूनिट का बिल आता है।
महोबा ब्यूरो के अनुसार बृहस्पतिवार को मौसम के तेवर सख्त हो जाने से गर्मी पूरे शबाब पर पहुंच गई है। इससे लोगाें को पंखे, कूलर चलाने के बाद भी राहत नहीं मिल रही है। लोग लू और तेज धूप से बचने के लिए सिर पर अंगोछा तो महिलाएं दुपट्टा बांधकर निकल रही हैं। रिक्शा और ठेलिया चालक भी दोपहर 12 बजे से 2 बजे के बीच छाया ढूंढने लगते हैं। हालत यह है कि सुबह 8 बजे से ही गर्म हवाएं चलने लगती हैं, जो रात 10 बजे तक गर्मी का एहसास कराती हैं। आग उगल रही सूरज की किरणाें के चलते अधिकतम तापमान 47.8 डिग्री और न्यूनतम तापमान 25.4 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया।