बांदा। कर्ज, मर्ज और आर्थिक तंगहाली से परेशान होकर बुंदेलखंड में की जा रही किसानों की आत्महत्याओं का मुद्दा एक बार फिर विधान सभा में गूंजने के आसार हैं। कांग्रेस विधायक दलजीत सिंह ने बृहस्पतिवार को यह मुद्दा विधान सभा में नियम 301 के तहत उठाया है।
तिंदवारी क्षेत्र के विधायक दलजीत ने विधान सभा अध्यक्ष का ध्यान आकृष्ट कराते हुए कहा कि बांदा में किसानों की आत्महत्याओं का सिलसिला थमा नहीं है। कर्ज को लेकर उनमें बहुत क्षोभ और रोष है। कर्ज में डूबे किसानों के पास जीने का कोई सहारा नहीं है। वर्ष 2003 में 178, वर्ष 2004 में 200, वर्ष 2005 में 158 और वर्ष 2007 में 107 आत्महत्याएं की गईं हैं। इस वर्ष भी अब तक कर्ज से परेशान 12 किसान जान दे चुके हैं। इनमें कमलेश (बघोलन, बांदा), अमृतलाल (हमीरपुर), बैजनाथ सिंह व संतोष सिंह (भिड़ौरा, बांदा), मोनू सिंह (तिंदवारी), बृजमोहन (रसिन, चित्रकूट), कामता प्रसाद (गोरपुर, हमीरपुर), श्याम प्रजापति (बिसंडी, बांदा) आदि शामिल हैं।
विधायक ने कहा कि यह बहुत दुखद प्रकरण है। बुंदेलखंड के सभी जनपद सूखाग्रस्त हैं। सिंचाई और पेयजल के समुचित साधन नहीं है।
किसान बैंक से कर्ज ले लेता है तो फसल न हो पाने के कारण अदा नहीं कर पाता। इस ओर सरकार को और ध्यान देने की जरूरत है। विधायक ने इस विषय पर सदन में चर्चा और कार्रवाई की मांग की है।