बांदा। तंत्र-मंत्र के चक्कर में किशोर उम्र युवक ने फांसी लगाकर जान गवां दी। वह इंटर का छात्र भी था। उसके पास सुसाइड नोट बरामद हुआ है। उसमें उसने तमाम तरह की बातें लिखी हैं। पुलिस ने लाश का पोस्टमार्टम कराया है।
जसपुरा क्षेत्र के गौरीकलां गांव का नवलकिशोर (17) पुत्र यदुनाथ पाल बांदा शहर के शंकर नगर में किराए के मकान में अपने दादा रामकुमार के साथ रहता था। इस वर्ष उसने इंटर की परीक्षा की दी थी। बुधवार की रात नवकिशोर ने कमरे के दरवाजे बंद कर लिए और लेंटर की खूंटी पर अपनी साफी का फंदा बनाकर फांसी लगा ली। छत पर सोया दादा रामकुमार जब सुबह नीचे आया तो दरवाजा अंदर से बंद मिला। देर तक न खुलने पर पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़ा गया। नवल फांसी पर लटकता मिला। माथे पर बजरंग बली की पूजा का लंबा टीका था। पुलिस को सूचना दी गई।
पुलिस को मृतक नवल के पास से दो पन्ने का एक सुसाइड नोट मिला। इसमें लिखा था कि उसने एक महामंत्र का प्रयोग किया था। जिससे अमर संजीवनी बनाई जाती है। यह भी लिखा है कि धोखे में मुझसे यह मंत्र गलत हो गया। इस कारण मुझे मरना पड़ रहा है। यदि मैं नहीं मरूंगा तो पांच दिनों के अंदर पूरे परिवार की मृत्यु हो जाएगी। लिखा है कि बजरंग बली मेरे गुरु हैं। अब मैं आपको स्वर्ग लोक में मिलूंगा।