बांदा। बहन से संपर्क बनाने से खफा होकर युवक को मौत के घाट उतारने के जुर्म में दो सगे भाइयों को अदालत ने उम्रकैद की सजा सुना दी। साथ में दस-दस हजार रुपए जुर्माने से भी दंडित किया गया है। जुर्माना न देने पर छह-छह माह की कैद और भुगतनी होगी। दोनों अभियुक्तों को जेल भेज दिया गया। इनमें से एक पहले से ही जेल में था। दूसरा जमानत पर था।
गिरवां थाना क्षेत्र के जखनी गांव में 4 सितंबर 2008 की रात नरसिंह मंदिर चबूतरे में 26 वर्षीय संतोष सो रहा था। तभी रात को कुल्हाड़ी से काटकर उसकी हत्या कर दी गई। नजदीक में ही मृतक के दो भाई अशोक व श्यामबाबू चारपाई पर सो रहे थे। कुछ और आसपास के लोग भी सो रहे थे। शोर सुनकर यह सभी जाग गए। मृतक के पिता रामपाल आरख ने गिरवां थाने में उपरोक्त रिपोर्ट दर्ज कराई। इसमें संतोष राजपूत व कमल राजपूत पुत्रगण भगवानदीन को नामजद किया गया। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख था कि हत्यारे भागते समय यह कह गए कि मेरी बहन से बातचीत करने का यह नतीजा है। तत्कालीन गिरवां थानाध्यक्ष सीबी सिंह ने दोनों नामजद हत्याभियुक्तों को 7 अप्रैल 2008 को गिरफ्तार कर लिया। संतोष राजपूत के पास 12 बोर तमंचा भी पाया गया। पुलिस ने विवेचना के बाद अदालत में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। अभियोजन की ओर से सहायक शासकीय अधिवक्ता मूलचंद्र कुशवाहा और शिवभूषण वर्मा ने सात गवाह पेश किए। मंगलवार को प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश डा.गोकुलेश शर्मा ने इस मुकदमें का फैसला सुनाया। न्यायाधीश ने अभियुक्त संतोष राजपूत व कमल राजपूत को दोषी पाते हुए धारा 302/34 में आजीवन कारावास और 10-10 हजार जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने पर छह-छह माह की कैद और होगी। धारा 506 आईपीसी में एक-एक वर्ष कैद और संतोष राजपूत को धारा 3/25 शस्त्र अधिनियम में दो वर्ष की सश्रम कारावास और एक-एक हजार रुपए जुर्माना से दंडित किया। सजाएं साथ चलेंगी। जेल में बिताई गई अवधि सजा में समायोजित होगी। अभियुक्त संतोष राजपूत घटना के बाद से ही जेल में है। कमल जमानत पर था। अब उसे भी जेल भेज दिया गया है।