बांदा/हमीरपुर। कर्ज से परेशान एक आदिवासी युवक और दो युवा किसानों ने फांसी लगाकर तथा तमंचे से गोली मारकर आत्महत्या कर ली। इनमें से एक ने बहन की शादी के लिए कुछ साल पहले कर्ज लिया था, लेकिन फसल लगातार खराब होने के कारण कर्ज की रकम अदा नहीं कर पाने से परेशान था।
बदौस संवाददाता के मुताबिक पहाड़ों की तलहटी में बसे बांदा के बदौसा थाना क्षेत्र के कुरूहूं गांव के बघोलन पुरवा में कमलेश (25) पुत्र धरमा खैरवार की लाश बृहस्पतिवार को सुबह खेत के पास कड़रिया जंगल में पेड़ पर लटकी मिली। पिता धरमा खैरवार ने बताया कि शाम करीब सात बजे वह घर से चारपाई की रस्सी खोलकर जंगल की तरफ चला गया था। जाने से पहले वह कर्ज अदा करने के लिए पैसे की मंाग कर रहा था। लेकिन यह नहीं बता रहा था कि किस साहूकार से कर्ज ले रखा है। धरमा बीपीएल कार्डधारक था। उसने अतर्रा स्थित त्रिवेणी क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड बनवाया था। साहूकारों से कर्ज लेकर उसे अदा कर दिया। फिर फतेहगंज स्थित इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक से 70 हजार रूपए किसान क्रेडिट कार्ड से दिसंबर 2011 में लिए थे। कुछ अदा भी किया गया।
ग्राम प्रधान प्रतिनिधि सूर्यभान ने बताया कि मृतक ने मध्य प्रदेश में स्थित जवारिन गांव में अपनी ससुराल में किसी सूदखोर से कर्ज लिया था। उसी को अदा करने के लिए बुधवार को शाम वह पिता से पैसा मांग रहा था। इसी पर विवाद हुआ और कुछ देर बाद उसने फांसी लगा ली। दूसरी तरफ थानाध्यक्ष फतेहगंज ने बताया कि मृतक के नाम कोई कृषि भूमि या कर्ज नहीं है। दो वर्ष पूर्व शादी हुई थी। एक वर्ष से पत्नी मीना मायके से नहीं आ रही है। इसी वजह से उसने आत्महत्या कर ली। मृतक अपने पिता का इकलौता पुत्र था।
ओरन संवाददाता के अनुसार बिसंडी गांव में बृहस्पतिवार की शाम करीब पांच बजे श्याम प्रजापति (30) ने अपने कच्चे मकान के खपरैल में रस्सी बांधकर फांसी लगा ली। घटना के समय पत्नी सुमन और मां खेत में थे। कुछ देर बाद यह घर वापस लौटी तो लाश लटकती मिली। प्रधानपति मोतीलाल सिंह ने बताया कि मृतक श्याम के पास डेढ़ बीघा जमीन थी। उसमें कुछ खास पैदावार नहीं होती थी। प्रधानपति के मुताबिक कुछ साहूकारों का कर्ज भी लिए था। हालांकि कर्ज की रकम के बारे में नहीं पता चला। ओरन चौकी पुलिस ने लाश को पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
हमीरपुर जिले के हमारे राठ संवाददाता के मुताबिक बुधवार की दोपहर अमृत घर में अकेला था। उसी दौरान किसी समय तमंचे से अपने सीने में गोली मार ली। गोली सीने के आर पार हो गई। शाम करीब सात बजे जब उसकी मां और दादी खलिहान से काम करके लौटे और अंदर घुस कमरे में अमृत को लहूलुहान हालत में मृत पड़ा देखा तो चीत्कार मच गया। गांव के चौकीदार ने मामले की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराया है। मृतक के चाचा शिवपाल ने बताया कि कुछ साल पहले अमृत के पिता की मौत के बाद बहिन गुडडन की शादी के लिए इलाहाबाद बैँक जरिया से करीब सवा लाख रूपए का कर्ज लिया था। दो भाईयों के बीच करीब 22 बीघा जमीन में पिछले तीन सालों से अच्छी फसल न होने के कारण वह बैंक का कर्ज चुकता नहीं कर सका। इस साल उम्मीद थी कि फसल अच्छी होगी लेकिन प्रकृति के कोप के चलते आई आंधी से उड़ी फसल ने उसे फिर कर्जदार बनाये रखा। जिससे वह मानसिक रूप से परेशान रहने लगा था। मृतक अपने पीछे एक संतान छोड़ गया है। थानाध्यक्ष जरिया रमेश कुमार सरोज ने बताया कि युवक का दिमागी संतुलन ठीक नहीं रहता था।
हमारे सरीना संवाददाता के मुताबिक कर्ज के अलावा अमृतलाल पत्नी के साथ न रहने की वजह से भी काफी परेशान था। क्षेत्राधिकारी शील कुमार ने बताया कि इसी वजह से उसने आत्महत्या की।