बांदा। कर्ज और तंगहाली से परेशान किसानों द्वारा बुंदेलखंड में फिर आत्महत्या करने का सिलसिला शुरू होने पर भारतीय किसान यूनियन ने गहरी चिंता जताते हुए मंडलायुक्त और जिलाधिकारी को ज्ञापन दिए हैं। बैंकों की बदसलूकी से आत्महत्या करने वाले किसानों के परिजनों को बैंकों से 10 लाख रूपए मुआवजा दिलाने की मांग की गई है।
बृहस्पतिवार को यूनियन के प्रतिनिधि मंडल ने प्रदेश अध्यक्ष डा.साहबलाल शुक्ला के नेतृत्व में आयुक्त डा.ललित वर्मा और डीएम शीतल वर्मा से मिलकर ज्ञापन सौंपे। इसमें गेहूं खरीद केंद्रों में किसानों का शोषण रोकने, अतर्रा मंडी में आढ़तियों द्वारा की जा रहीं अनियमितताएं बंद करने, आढ़तियों से खरीद का ब्योरा लेने, खुरहंड मंडी में भी आढ़तियों को खरीद का लाइसेंस देने, खुरहंड में 50 वर्षाें से संचालित जिलेदारी पंचम को बरकरार रखने आदि की मांगें शामिल थीं। प्रतिनिधि मंडल में जिलाध्यक्ष अखिलेश सिंह सहित गुलाम, शमशाद भाई, हाजी अजमुद्दीन, कमल सिंह, शिवभजन आदि शामिल रहे।
उधर यूनियन प्रदेश अध्यक्ष डा.साहबलाल शुक्ला ने बताया कि आयुक्त ने उसने साफ शब्दों में कहा कि अगर वसूली नहीं की जाएगी तो बैंक खाली हो जाएंगे। खरीद केंद्रों में किसानों को आ रहीं दुश्वारियों के बारे में कहा कि पैदावार अच्छी होेने से केंद्रों में भारी मात्रा में गेहूं पहुंच रहा है। रखने की जगह नहीं है।