बांदा। प्रदेश की महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री अरुणा कोरी ने कहा है कि आदिकाल में विधवा जीवन बेहद भयावह था। उनका पूरा जीवन लंबे घूंघट में बीत जाता था। पतियों को ठीक से पहचानती भी नहीं थीं। विधवा होने पर उन्हें सती कर दिया जाता था लेकिन अब हालात बदल गए हैं। महिलाएं पुरुषों के साथ बराबरी से भागीदारी कर रही हैं।
बुधवार को यहां रामलीला मैदान में विधवा संवेदना महासम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में उपरोक्त बातें मंत्री श्रीमती कोरी ने कहीं। उन्होंने दीप जलाकर सम्मेलन की शुरूआत की। संबोधन में कहा कि आज के समाज में महिलाएं बिना भेदभाव के जीवन गुजार रही हैं। उनके प्रति सरकार भी गंभीर है। खास तौर पर विधवाओं और वृद्धाओं के लिए विशेष योजनाएं चलाई जा रही हैं। इनकी पेंशन बढ़ाने के लिए वह मुख्यमंत्री से अनुरोध करेंगी। सम्मेलन में मंत्री को मिशन अध्यक्ष बीडी गुप्ता और मुन्नी देवी गुप्ता (कैरी वाली) ने सम्मान पत्र और प्रतीक चिह्न सौंपे। इस अवसर पर शिविर भी आयोजित किया गया। इसमें 375 आवेदन जमा किए गए। सबसे ज्यादा 200 आवेदन वृद्धावस्था पेंशन के थे। विकलांग के 50 और विधवा पेंशन के 125 आवेदन भरे गए। कई विधवाओं ने राज्यमंत्री को अपने मांगपत्र भी सौंपे। इस अवसर पर जिलाध्यक्ष शमीम बांदवी, पूर्व मंत्री जमुना प्रसाद बोस, पियूष गुप्ता, इंद्रप्रकाश इंदू, रूख्साना हाशमी, शानिया खान, वृंदावन वैश्य, जगदीश कुशवाहा, संजय निगम अकेला, अमित गुप्ता, इमत्याज खां, हर्षित गुप्ता आदि उपस्थित रहे।