बांदा। कांशीराम आवासीय कालोनी से बेदखल किए गए सैकड़ों लोगों ने डूडा कार्यालय पर धावा बोल दिया। जमकर हंगामा करने के बाद नेशनल हाईवे जाम कर दिया। हाईवे पर निकल रहे कई निर्दोष राहगीरों के साथ मारपीट की। महिलाओं की भागीदारी ज्यादा होने से पुलिस असहाय दिखी। बमुश्किल लोगों को किसी तरह समझा-बुझाकर जाम खत्म कराया। हाईवे से हटने के बाद इन लोगों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया तथा सरकार और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की।
निम्नीपार और हरदौली स्थित कांशीराम कालोनियों में लगभग 800 लोग अपात्र घोषित कर दिए गए हैं। पूर्व में इन्हें आवास आवंटित कर दिए गए थे। अब इन्हें निकाल बाहर किया जा रहा है। मंगलवार को दोनों कालोनियाें के ऐसे आवंटी एकजुट हो गए और दोपहर 12 बजे सिविल लाइन स्थित डूडा कार्यालय में प्रदर्शन किया। कार्यालय के कर्मचारी शारदा के साथ धक्का-मुक्की की। इसके बाद कार्यालय के सामने नेशनल हाईवे पर धरना देकर जाम लगा दिया। दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। अधिवक्ता और अध्यापक आदि भी जाम में फंस गए। कुछ लोगों ने जाम से निकलने की कोशिश की तो उत्तेजित लोग दबंगई और बदसलूकी पर उतार आए। उनके साथ मारपीट कर दी। इस बीच कोतवाली प्रभारी उमाशंकर यादव से भी जाम लगाए महिलाएं और पुरुष उलझते रहे। पुलिस ने इन्हें बमुश्किल काबू में किया। कोतवाली प्रभारी ने कहा कि अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। जाम लगाने वालों के खिलाफ मुकदमा दर्ज होगा।
दो घंटे तक चले हंगामे में हाईवे से हटाए जाने के बाद सभी लोग कलेक्ट्रेट चले गए। वहां नारेबाजी की। पुलिस ने यहां सख्ती दिखाते हुए सभी प्रदर्शनकारियों को कलेक्ट्रेट से न हटने पर गिरफ्तार करने की चेतावनी दी। उसके बाद प्रदर्शनकारी वापस लौटे।