बबेरू (बांदा)। दो दिन पहले मियां बरौली मेें सरेशाम हुई हत्या का मामला अचानक तूल पकड़ गया। तीसरे दिन लाश को यहां चौराहे पर रखकर सैकड़ों लोगों ने जाम लगा दिया। इनमें मृतक के परिजन, खानदानी और अन्य ग्रामीण भी शामिल थे। जाम खत्म कराने में अफसरों को पसीने छूट गए। करीब ढाई घंटे की जद्दोजहद के बाद प्रशासन जाम खत्म करा पाया।
रविवार को शाम मियां बरौली गांव में राजबहादुर सिंह यादव (45) को कुल्हाड़ों से ताबड़तोड़ वार करके मौत के घाट उतार दिया गया था। इस मामले में मृतक के पुत्र रामबाबू ने चाचा और उसके दो पुत्रों के विरुद्ध नामजद मुकदमा दर्ज कराया है। ये सभी अब तक गिरफ्तार नहीं हुए।
सोमवार को पोस्टमार्टम के बाद लाश शाम को गांव पहुंची लेकिन परिजनों ने अंतिम संस्कार नहीं किया। मंगलवार को सुबह आधा दर्जन से ज्यादा ट्रैक्टरों पर सवार लोग लाश लेकर बबेरू आ गए और उसे आम चौराहे पर रखकर जाम लगा दिया। पलंग पर रखे शव के इर्दगिर्द बड़ी तादाद में महिलाएं भी थीं। उनकी मांग थी कि नामजद हत्याभियुक्त गिरफ्तार किए जाएं। भारी तादाद में हुजूम देखकर स्थानीय पुलिस असहाय होकर रह गई। जिला मुख्यालय में सूचना दी गई। मुख्यालय से एडीएम और अपर एसपी पहुंचे। एसडीएम और क्षेत्राधिकारी पहले से ही मौजूद थे।
कोतवाली प्रभारी वीके सिंह समेत बिसंडा, मरका, कमासिन थानों, सिमौनी व मुरवल चौकियों के प्रभारी फोर्स के साथ आ गए। पीएसी भी बुला ली गई लेकिन जाम लगाए लोग डीएम और एसपी को मौके पर आने की मांग करने लगे। इन अधिकारियों ने बमुश्किल लोगों को समझाया और अभियुक्तों की शीघ्र गिरफ्तारी का भरोसा दिलाया। लगभग ढाई घंटे की मशक्कत के बाद अफसर जाम खत्म कराने में कामयाब रहे। अफसरों ने शव को अपने सामने ही अंतिम संस्कार के लिए औगासी में यमुना घाट के लिए रवाना किया।