बांदा। बुंदेलखंड जन अधिकार मोर्चा के बैनर तले ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता रैली निकालकर समस्याएं देखीं। लोगों से मिलने पर हर जगह पर ज्यादातर का रोना पानी-बिजली की समस्या को लेकर था। तालाब सूखे होने पर मवेशियों को पानी का संकट है।
मोर्चा मंडल प्रभारी राममिलन सिंह पटेल ने झंडी दिखाकर जागरूकता रैली रवाना की। बाइक सवार पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने कैरी, कोर्रही, इकौना, सया होते हुए क्षेत्र के तमाम गांवों का भ्रमण किया। कैरी गांव में नहर की माइनर में बबूल के पेड़ खड़े मिले। यहां नहर व तालाबों में पानी की बूंद नहीं है। ग्रामीणों ने बताया कि सिल्ट सफाई के नाम पर अभियंता हर साल रकम डकार जाते हैं। कई सालों से सफाई न होने से तल्ली में झाड़ी व बबूल के पेड़ खड़े हैं। कोर्रही गांव में पाइप लाइन जगह-जगह टूटी मिली। घरों में पानी की बूंद नहीं पहुंचती और गलियों में पानी बेकार बह रहा था। बिजली व्यवस्था भी ध्वस्त बताई गई। उपभोक्ताओं ने बताया कि मीटर रीडर बिल सही करने के नाम पर सुविधा शुल्क मांगता है। इकोना और सया गांव के तालाब व हैंडपंप सूखे पड़े हैं। मवेशी पानी के लिए इधर-उधर भटकते हैं।
जिलाध्यक्ष संतोष कुशवाहा, जाहिद, अमीन, अनीस अहमद, ओमप्रकाश गुप्ता, मोहम्मद नईम अली, संदीप श्रीवास्तव, जीतेंद्र धुरिया, राकेश प्रजापति, वीरेंद्र कुशवाहा, बच्चीलाल, रमेश कुशवाहा, लालबहादुर, जेपी साहू, इसहाक खान, कमलेश साहू आदि शामिल रहे।