नरैनी। सीबीआई अफसरों द्वारा बार-बार उन्हीं सवालों के पूछने से खिसियाई शीलू ने सीबीआई से ही सवालों की झड़ी लगा दी। कहा कि बार-बार वही सवाल-जवाब सुनकर वह परेशान हो गई है। इन्हें दोहराने से क्या फायदा। सीबीआई अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को क्यों नहीं देती, ताकि मामले का फैसला हो और वह अपने भविष्य के बारे में कुछ तय कर सके।
विधायक आवास में गैंगरेप की शिकार शीलू निषाद पहले सीबीसीआईडी और उसके बाद सीबीआई की जांच से गुजर रही है। पिछले डेढ़ साल में जांच एजेंसियों ने उससे दर्जनों बार पूछताछ की है। हर बार कमोवेश वही रटे-रटाए सवाल पूछे जा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर जांच कर रही सीबीआई अपनी जांच पूरी नहीं कर पा रही। सोमवार को एक बार फिर सीबीआई ने शीलू के घर दस्तक दी। उसे और उसके पिता अच्छेलाल को नरैनी कोतवाली में बुलाकर पूछताछ की। दो सदस्यीय सीबीआई टीम ने अधिकांश प्रश्न वही किए जो पहले कई बार पूछे जा चुके हैं। शीलू खिसिया गई। बोली, पिछले छह माह से सीबीआई यही कहानी बार-बार दोहरा रही है। वह कहां तक जवाब दे। डेढ़ वर्ष हो गए सिर्फ जांच ही चल रही है। आए दिन सवालों की झड़ी से वह ऊब चुकी है। शीलू ने कहा कि उसे अपने भविष्य की चिंता है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आ जाए तो वह आगे की कुछ सोचे। सूत्र बताते हैं कि सीबीआई ने शीलू और उसके पिता से तत्कालीन विधायक पुरुषोत्तम नरेश द्विवेदी के अतर्रा स्थित आवास में हुए दुराचार के घटनाक्रम के बारे में पूछताछ की।