बांदा। कर्ज में डूबे युवा किसान ने खलिहान में पेड़ पर फंदा फंसाकर आत्महत्या कर ली। उस पर बैंक और सहकारी समिति का कर्ज था। उसके पिता ने भी 20 साल पहले फांसी लगाकर जान गंवाई थी। पुलिस ने लाश का पोस्टमार्टम कराया है। बुंदेलखंड में दस दिन के अंदर कर्ज से परेशान किसान द्वारा आत्महत्या करने की यह तीसरी घटना है।
घटना तिंदवारी थाना क्षेत्र के भिरौड़ा गांव की है। यहां मोनू सिंह (25) ने शनिवार की रात घर से कुछ दूर स्थित खलिहान में लगे नीम के पेड़ में अपनी पैंट से फंदा बनाकर फांसी लगा ली। उसकी वहीं मौत हो गई। देर रात तक घर से लापता रहने पर खोजबीन शुरू की गई तो शव लटकता मिला। पुलिस ने पंचनामा भरकर लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमार्टम हाउस में मृतक के ताऊ जगदीश सिंह ने बताया कि बंटवारे में मोनू सिंह को चार बीघा जमीन मिली थी। ताऊ के मुताबिक तीन वर्षाें पूर्व मोनू ने इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक तिंदवारी शाखा से 35 हजार रूपए किसान क्रेडिट कार्ड पर कर्ज लिया था। इसके अलावा छह हजार रूपया सहकारी समिति का भी बकाया था। वह यह कर्ज अदा नहीं कर पाया। एक सप्ताह पहले बैंक कर्मी वसूली के लिए घर आए थे। कर्ज की चिंता में मोनू शराब पीने लगा था। इन्हीं हालात में उसने आत्महत्या कर ली।
ताऊ ने बताया 20 साल पहले उसके पिता ने भी होली के दिन फांसी लगाकर जान दे दी थी। मोनू अपनी मां मुन्नी देवी के साथ रहता था। इससे पहले चित्रकूट में 11 मई और 19 मई को दो किसान कर्ज की वजह से फांसी के फंदे पर झूल चुके हैं।