बांदा। ‘हैलो! मैं सीएम बोल रहा हूं...’ पुलिस के कंट्रोल रूम या किसी भी पुलिस अधिकारी के फोन पर यह आवाज कभी भी सुनाई पड़ सकती है। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पुलिस को परखने के लिए यह रास्ता भी अपनाएंगे। उन्होंने अपनी यह मंशा दो दिनों पूर्व लखनऊ में हुई पुलिस और प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक में जता दी है। नतीजे में अफसरों ने भी अपने जिलों में लौटकर मुख्यमंत्री के निर्देशों से मातहतों को आगाह करा दिया है।
मुख्यमंत्री की बैठक से वापस लौटे डीआईजी और पुलिस अधीक्षक ने रविवार को पुलिस लाइन स्थित सभागार में थानाध्यक्षों और पुलिस अधिकारियों की बैठक की। डीआईजी पीके श्रीवास्तव ने कहा कि थाने या चौकी आने वालों से शालीनता और सम्मान के साथ पेश आएं। उनकी समस्याएं सुनें और मौके पर जाकर निपटारा कराएं। उसे लंबित न रखें। यह भी कहा कि छोटे मामलाें को भी गंभीरता से लें। अपराधियों पर लगातार नजर रखें। डीआईजी ने दी गई मुख्यमंत्री की 15 दिन की मोहलत की बात दोहराते हुए थानाध्यक्षों से कहा कि इसमें कोई कोताही हुई तो कार्रवाई के लिए तैयार रहें। पुलिस अधीक्षक ज्ञानेश्वर तिवारी ने प्रतिसार निरीक्षक से कहा कि कंट्रोल रूम का 100 नंबर फोन हर वक्त दुरुस्त रहे। मुख्यमंत्री खुद फोन करके परख सकते हैं। फोन आने पर तुरंत रिसीव किया जाए। अगर कोई फालतू बात या बदसलूकी करता है तो उसका पता लगाकर कार्रवाई करें।