बांदा। जिस्म झुलसा देने वाली गर्मी और जलाने जैसी गर्म हवाओं के बीच भरी दोपहर बिजली कटौती उपभोक्ताओं को नहीं सुहा रही। पावर कारपोरेशन से मांग की गई है कि बुंदेलखंड में पड़ने वाली तीखी गर्मी के मद्देनजर दोपहर की बिजली कटौती के समय में रद्दोबदल किया जाए।
वैसे तो बुंदेलखंड को प्रदेश सरकार ने बिजली कटौती से मुक्त कर रखा है। यह काफी पुराना शासनादेश है लेकिन पावर कारपोरेशन अभियंता कटौती जारी रखते हुए यह दलील देते हैं कि सामान्य कटौती से मुक्त किया गया है। जो की जा रही है वह आपात कटौती है। मई माह की जानलेवा गर्मी में बांदा शहर में दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक चार घंटे की रोजाना कटौती की जा रही है। ऐन गर्मी के समय में बिजली न होना जान के लिए मुसीबत बना हुआ है। ज्यादातर इलाकों में तो 11 बजे से ही कटौती शुरू हो जाती है। सुबह भी बिजली न रहने से भारी तादाद में उपभोक्ता पानी नहीं हासिल कर पाते। पूर्व विधायक प्रो.चंद्रप्रकाश शर्मा ने कहा है कि बुंदेलखंड को बिजली कटौती से मुक्त रखने का निर्णय कांग्रेस सरकार में हो चुका है लेकिन इस पर गैर कांग्रेसी सरकारें अमल नहीं कर रहीं। उन्होंने कहा कि कटौती जरूरी ही है तो इसे भीषण गर्मी के समय दोपहर में न किया जाए। चार घंटे के बजाए सुबह-शाम दो चरणों में कटौती की जाए।