बांदा। जवाहर नवोदय विद्यालय में छह छात्रोें ने फर्जी अभिलेखों से प्रवेश पा लिया है। फिलहाल एक छात्र पर यह मामला साबित हो जाने के बाद कार्रवाई की जा रही है।
नवोदय विद्यालय प्राचार्य एसके मिश्रा ने बताया कि जिलाधिकारी से की गई शिकायत में जांच के दौरान पाया गया कि 10वीं कक्षा के छात्र कमलेश गुप्ता पुत्र अभिजीत (निवासी चौसड़) ने सत्र 2007 में ग्रामीण कोटे से कक्षा 6 में प्रवेश पाया। 2006-07 में दीनदयाल शिशु मंदिर चौसड़ में कक्षा 5 का छात्र होने का अभिलेख प्रस्तुत किया। उधर, सेवादल सेंट्रल स्कूल अतर्रा के प्राचार्य द्वारा उपलब्ध कराए गए अभिलेखों के अनुसार यह छात्र 2005-06 में उनके विद्यालय से कक्षा 5 पास कर चुका था। धोखाधड़ी करके और वास्तविक तथ्यों को छिपाकर नवोदय में प्रवेश हासिल कर लिया। प्राचार्य ने बताया कि इसी तरह छह अन्य विद्यार्थियों के प्रवेश फर्जी पाए गए हैं। इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दे दी गई है।
प्राचार्य ने बताया कि उक्त छात्र के ऊपर नवोदय विद्यालय समिति ने रहने और खानपान आदि के अलावा 56,415 रुपए खर्च किए हैं। इस छात्र ने एक ग्रामीण छात्र के मूल अधिकारों का हनन करते हुए किसी एक छात्र को चयन से वंचित किया है। प्राचार्य ने प्रवेश संबंधी नियम का हवाला देकर बताया कि वह व्यक्ति ही अपने पाल्य का प्रवेश आवेदन भरवा सकता है जिसका बच्चा कक्षा 3 व 4 उत्तीर्ण होकर कक्षा 5 में अध्ययनरत हो। साथ ही प्रवेश लेने के लिए पूर्व कक्षा 5 की परीक्षा उसी सत्र में उत्तीर्ण की हो। प्राचार्य ने अभिभावकों से कहा है कि प्रवेश के लिए किसी तरह की धोखाधड़ी करके दूसरे पात्र छात्र के अधिकारों का हनन न करें। गौरतलब है कि जवाहर नवोदय विद्यालय ग्रामीण छात्रों के उत्तरोत्तर विकास के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा संचालित संस्था है।
बांदा। जवाहर नवोदय विद्यालय में छह छात्रोें ने फर्जी अभिलेखों से प्रवेश पा लिया है। फिलहाल एक छात्र पर यह मामला साबित हो जाने के बाद कार्रवाई की जा रही है।
नवोदय विद्यालय प्राचार्य एसके मिश्रा ने बताया कि जिलाधिकारी से की गई शिकायत में जांच के दौरान पाया गया कि 10वीं कक्षा के छात्र कमलेश गुप्ता पुत्र अभिजीत (निवासी चौसड़) ने सत्र 2007 में ग्रामीण कोटे से कक्षा 6 में प्रवेश पाया। 2006-07 में दीनदयाल शिशु मंदिर चौसड़ में कक्षा 5 का छात्र होने का अभिलेख प्रस्तुत किया। उधर, सेवादल सेंट्रल स्कूल अतर्रा के प्राचार्य द्वारा उपलब्ध कराए गए अभिलेखों के अनुसार यह छात्र 2005-06 में उनके विद्यालय से कक्षा 5 पास कर चुका था। धोखाधड़ी करके और वास्तविक तथ्यों को छिपाकर नवोदय में प्रवेश हासिल कर लिया। प्राचार्य ने बताया कि इसी तरह छह अन्य विद्यार्थियों के प्रवेश फर्जी पाए गए हैं। इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दे दी गई है।
प्राचार्य ने बताया कि उक्त छात्र के ऊपर नवोदय विद्यालय समिति ने रहने और खानपान आदि के अलावा 56,415 रुपए खर्च किए हैं। इस छात्र ने एक ग्रामीण छात्र के मूल अधिकारों का हनन करते हुए किसी एक छात्र को चयन से वंचित किया है। प्राचार्य ने प्रवेश संबंधी नियम का हवाला देकर बताया कि वह व्यक्ति ही अपने पाल्य का प्रवेश आवेदन भरवा सकता है जिसका बच्चा कक्षा 3 व 4 उत्तीर्ण होकर कक्षा 5 में अध्ययनरत हो। साथ ही प्रवेश लेने के लिए पूर्व कक्षा 5 की परीक्षा उसी सत्र में उत्तीर्ण की हो। प्राचार्य ने अभिभावकों से कहा है कि प्रवेश के लिए किसी तरह की धोखाधड़ी करके दूसरे पात्र छात्र के अधिकारों का हनन न करें। गौरतलब है कि जवाहर नवोदय विद्यालय ग्रामीण छात्रों के उत्तरोत्तर विकास के लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा संचालित संस्था है।