बांदा। पूर्व मंत्री और विधान परिषद में नेता विरोधी दल नसीमुद्दीन सिद्दीकी ने कहा है कि तत्कालीन मुख्यमंत्री सुश्री मायावती द्वारा लोकायुक्त की सिफारिश को खारिज कर दिए जाने के बाद लोकायुक्त द्वारा दोबारा मुख्यमंत्री को जांच और संस्तुति रिपोर्ट भेजना कानून की परिधि से हटकर है।
बृहस्पतिवार को यहां आए श्री सिद्दीकी ने अलीगंज स्थित अपने आवास पर मीडिया से संक्षिप्त बातचीत की। उन्होंने कहा कि लोकायुक्त को दोबारा रिपोर्ट भेजनी थी तो राज्यपाल को भेजते। मुख्यमंत्री द्वारा एक बार खारिज कर दिए जाने के बाद दोबारा उन्हीं को रिपोर्ट भेजने का कोई औचित्य नहीं। मीडिया के सवाल पर उन्होंने कहा कि आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच तो सपा मुखिया मुलायम सिंह की भी चल रही है। ऐेसे में दूसरे पर उंगली उठाना ठीक नहीं। श्री सिद्दीकी ने कहा कि उनके दादा 42 गांवों के जमींदार थे। लहुरेटा और बछेई में छह गरीबों को जमीन दान में दी। ऐसे में उन्हें दूसरे की जमीन हथियाने की क्या जरूरत। बसपा नेता ने आरोप लगाया कि सपा के दो माह के शासन में गुंडागर्दी बढ़ी है।