मटौंध/महुआ। सरकारी गल्ला मंडी न होने से जखौरा गांव में गल्ला व्यापारी औने-पौने दाम पर गेहूं खरीद रहे हैं। सीमावर्ती मध्य प्रदेश के गांवों से तमाम किसान यहां गल्ला बेचने आते हैं। बांदा और कबरई मंडी जाने में अधिक भाड़ा लगने से छोटे किसान मजबूर होकर यहां अपनी उपज बेचनी पड़ती है। गेहूं की निर्धारित दर 1285 रुपए की जगह यहां 900 से 1000 रुपए प्रति कुंतल खरीद की जा रही है। दाना पतला बताकर अतिरिक्त कटौती की जाती है। चना में दो रुपए प्रति कुंतल कटौती और एक किलो लेबर चार्ज वसूला जाता है। घंडुवा, सुनैचा, पचपहरा, बदौरा, चंदपुरा, घटारी, करका, गौरिहार आदि गांवों के किसानों ने यहां गल्ला मंडी खोलने की मांग की है। उधर, महुआ में गेहूं बेचने को किसान खुली जमीन में कई-कई दिनों से डेरा डाले हैं। लू-धूप सह रहे हैं। कोई सुनने वाला नहीं है। किसानों का आरोप है कि खरीद केंद्र कर्मचारी मनमानी पर आमादा हैं। कमीशनखोरी का बाजार गर्म है। ब्यूरो