बांदा। भीषण गर्मी में कांशीराम कालोनी के बाशिंदे पानी के लिए परेशान हैं। जलस्तर नीचे चले जाने से हैंडपंप की पतली धार ही निकलती है। हैंडपंपों पर पानी के लिए बाशिंदों की भीड़ लग रही है। हरदौली स्थित कालोनी की स्थिति ज्यादा खराब है। सत्ता परिवर्तन के बाद अधिकारियों ने भी यहां से मुंह मोड़ लिया है। वैसे तो कहने को कालोनी के आसपास एक हजार परिवारों के लिए 25 हैंडपंप लगाए गए हैं लेकिन पानी कोई भी पूरी तरह नहीं दे रहा। मात्र पांच हैंडपंपों में पानी आ रहा है वह भी पतली जलधारा के साथ। एक बाल्टी पानी के लिए हैंडपंप चलाने वाला पसीना-पसीना हो जाता है। 20-25 मिनट में बाल्टी भर पाती है। जल निगम द्वारा बिछाई गई पाइप लाइन भी दिखावा साबित हुई। ट्यूबवेल खराब हो जाने से इनमें आपूर्ति नहीं हो पा रही।
बांदा। भीषण गर्मी में कांशीराम कालोनी के बाशिंदे पानी के लिए परेशान हैं। जलस्तर नीचे चले जाने से हैंडपंप की पतली धार ही निकलती है। हैंडपंपों पर पानी के लिए बाशिंदों की भीड़ लग रही है। हरदौली स्थित कालोनी की स्थिति ज्यादा खराब है। सत्ता परिवर्तन के बाद अधिकारियों ने भी यहां से मुंह मोड़ लिया है। वैसे तो कहने को कालोनी के आसपास एक हजार परिवारों के लिए 25 हैंडपंप लगाए गए हैं लेकिन पानी कोई भी पूरी तरह नहीं दे रहा। मात्र पांच हैंडपंपों में पानी आ रहा है वह भी पतली जलधारा के साथ। एक बाल्टी पानी के लिए हैंडपंप चलाने वाला पसीना-पसीना हो जाता है। 20-25 मिनट में बाल्टी भर पाती है। जल निगम द्वारा बिछाई गई पाइप लाइन भी दिखावा साबित हुई। ट्यूबवेल खराब हो जाने से इनमें आपूर्ति नहीं हो पा रही।