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बांदा। नगर पालिका अध्यक्ष के विरुद्ध मोर्चा खोले सदस्यों को अब अध्यक्ष के खिलाफ एक और मुद्दा मिल गया है। सदस्यों का आरोप है कि अध्यक्ष ने कमीशनबाजी के लिए सदस्याें के साथ लिखित समझौता किया है। विरोधी गुट के सदस्यों ने शनिवार को मंडलायुक्त मिलकर इस कथित समझौता पत्र की फोटोप्रति के साथ ज्ञापन दिया और इसकी जांच कराए जाने की मांग की। उधर, अध्यक्ष ने पत्र को पूरी तरह फर्जी और फ्राड बताते हुए कहा है कि यह साजिश रचने वालों के खिलाफ व मानहानि का मुकदमा करेंगी।
सदस्य भारत, दिलीप कुमार यादव, श्याम मोहन धुरिया, दिनेश कुमार आदि ने सामूहिक हस्ताक्षरों से आयुक्त को दिए पत्र में कहा है कि कमीशनबाजी के लिए किया गया लिखित समझौता अध्यक्ष के भ्रष्टाचार का एक और नमूना है। मांग की कि उनके अधिकार सीज किए जाएं। शिकायतकर्ता सदस्यों ने यह भी आशंका जताई कि यह समझौता पत्र का पर्दाफाश करने से पालिका अध्यक्ष उन्हें कभी भी झूठे मुकदमे फंसा सकती है। सदस्यों ने अपनी जान को खतरा भी बताया। शिकायती पत्र की प्रति मुख्यमंत्री, नगर विकास मंत्री, निदेशालय को भी भेजी है। मंडलायुक्त मुरलीधर दुबे ने जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
इस कथित समझौता पत्र में लिखा गया है कि बिजली उपकरण छोड़कर अन्य विभागीय कार्यों में तीन प्रतिशत कमीशन सभी सदस्यों में बराबर बांटा जाएगा। बिजली उपकरण खरीद में किसी सदस्य को कोई कमीशन नहीं दिया जाएगा। कलई, चूना आदि में अध्यक्ष और ईओ की बीच बंटवारा होगा। कार्य देने के पूर्व ठेकेदारों से मिलने वाले दो प्रतिशत कमीशन में सदस्यों को नहीं दिया जाएगा। सभी कार्यों पर अध्यक्ष का कमीशन आठ फीसदी होगा। समझौता पत्र में यह भी कहा गया है कि बोर्ड बैठक में पालिका अध्यक्ष के खिलाफ जाने वाले सदस्य का कमीशन काटकर अन्य सदस्याें में बांट दिया जाएगा। यह भी कहा गया है कि समझौता बिंदुओं के अलावा कोई और बात होती है तो मिल बैठकर इसे सुलझाया जाएगा। कोई किसी के खिलाफ बयान नहीं देगा।
उधर, इस बारे में अध्यक्ष विनोद जैन ने कथित समझौता पत्र को पूरी तरह फर्जी बताते हुए कहा है कि उनके हस्ताक्षर स्कैन करने यह पत्र गढ़ा गया है। वह इसकी गहराई से जांच कराएंगी और उन्हेें बदनाम करने के लिए यह पत्र तैयार करने वालों के विरुद्ध अदालत में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराएंगी।
बांदा। नगर पालिका अध्यक्ष के विरुद्ध मोर्चा खोले सदस्यों को अब अध्यक्ष के खिलाफ एक और मुद्दा मिल गया है। सदस्यों का आरोप है कि अध्यक्ष ने कमीशनबाजी के लिए सदस्याें के साथ लिखित समझौता किया है। विरोधी गुट के सदस्यों ने शनिवार को मंडलायुक्त मिलकर इस कथित समझौता पत्र की फोटोप्रति के साथ ज्ञापन दिया और इसकी जांच कराए जाने की मांग की। उधर, अध्यक्ष ने पत्र को पूरी तरह फर्जी और फ्राड बताते हुए कहा है कि यह साजिश रचने वालों के खिलाफ व मानहानि का मुकदमा करेंगी।
सदस्य भारत, दिलीप कुमार यादव, श्याम मोहन धुरिया, दिनेश कुमार आदि ने सामूहिक हस्ताक्षरों से आयुक्त को दिए पत्र में कहा है कि कमीशनबाजी के लिए किया गया लिखित समझौता अध्यक्ष के भ्रष्टाचार का एक और नमूना है। मांग की कि उनके अधिकार सीज किए जाएं। शिकायतकर्ता सदस्यों ने यह भी आशंका जताई कि यह समझौता पत्र का पर्दाफाश करने से पालिका अध्यक्ष उन्हें कभी भी झूठे मुकदमे फंसा सकती है। सदस्यों ने अपनी जान को खतरा भी बताया। शिकायती पत्र की प्रति मुख्यमंत्री, नगर विकास मंत्री, निदेशालय को भी भेजी है। मंडलायुक्त मुरलीधर दुबे ने जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
इस कथित समझौता पत्र में लिखा गया है कि बिजली उपकरण छोड़कर अन्य विभागीय कार्यों में तीन प्रतिशत कमीशन सभी सदस्यों में बराबर बांटा जाएगा। बिजली उपकरण खरीद में किसी सदस्य को कोई कमीशन नहीं दिया जाएगा। कलई, चूना आदि में अध्यक्ष और ईओ की बीच बंटवारा होगा। कार्य देने के पूर्व ठेकेदारों से मिलने वाले दो प्रतिशत कमीशन में सदस्यों को नहीं दिया जाएगा। सभी कार्यों पर अध्यक्ष का कमीशन आठ फीसदी होगा। समझौता पत्र में यह भी कहा गया है कि बोर्ड बैठक में पालिका अध्यक्ष के खिलाफ जाने वाले सदस्य का कमीशन काटकर अन्य सदस्याें में बांट दिया जाएगा। यह भी कहा गया है कि समझौता बिंदुओं के अलावा कोई और बात होती है तो मिल बैठकर इसे सुलझाया जाएगा। कोई किसी के खिलाफ बयान नहीं देगा।
उधर, इस बारे में अध्यक्ष विनोद जैन ने कथित समझौता पत्र को पूरी तरह फर्जी बताते हुए कहा है कि उनके हस्ताक्षर स्कैन करने यह पत्र गढ़ा गया है। वह इसकी गहराई से जांच कराएंगी और उन्हेें बदनाम करने के लिए यह पत्र तैयार करने वालों के विरुद्ध अदालत में मानहानि का मुकदमा दर्ज कराएंगी।