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12 जुलाई को ‘शहीद दिवस’ घोषित करें
Banda
Published by:
Updated Fri, 12 Jul 2013 05:31 AM IST
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कहीं भी, कभी भी।
बांदा। 12 जुलाई 1966 के शहीदों की याद में हर वर्ष 12 जुलाई को ‘शहीद दिवस’ घोषित किए जाने की मांग भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की जिला कौंसिल ने प्रदेश सरकार से की है।
शहीद दिवस की पूर्व संध्या पर भाकपा की बैठक में जिला सचिव डा.रामचंद्र सरस ने 12 जुलाई 1966 की घटना का ब्योरा बताया। कहा कि पुलिस की गोलीबारी में उन्ना (खरौली), रामसजीवन (महोतरा), माधव (खुरहंड), मइयादीन (करबई), जंगू (इटरा पुरवा), सुकुरूवा (महोखर), रामऔतार यादव (लड़ाका पुरवा), मेघा (महोखर), हेमू (कलानी) और अधिवक्ता राघवेंद्र शहीद हुए थे। चार अन्य शहीदों की पहचान नहीं हो पाई थी। उन्होंने प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बताया कि गंभीर रूप से घायल 60 लोगों को यमुना नदी में जल समाधि दे दी गई थी। 90 घायलों को जेल भेज दिया गया था। 14 जुलाई 1966 को करीब 390 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। भाकपा सचिव ने बताया कि 12 जुलाई (शुक्रवार) को इन शहीदों की याद में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की जाएगी। प्रदेश सचिव डा.गिरीश भी इसमें शरीक होंगे। बैठक में नाथूराम, मदन भाई, मदन शर्मा, जगमोहन आदि शामिल रहे।
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क्या हुआ था...
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के आह्वान पर 12 जुलाई 1966 को हुए प्रदर्शन में अशोक लाट तिराहा में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलियां बरस पड़ीं। करीब 65 राउंड गोलियों ने आधा सैकड़ा से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को मौत की नींद सुला दिया था। पुलिस आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ पांच प्रदर्शनकारी मरे जबकि प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कम से कम 50 व्यक्ति मारे गए।
बांदा। 12 जुलाई 1966 के शहीदों की याद में हर वर्ष 12 जुलाई को ‘शहीद दिवस’ घोषित किए जाने की मांग भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी की जिला कौंसिल ने प्रदेश सरकार से की है।
शहीद दिवस की पूर्व संध्या पर भाकपा की बैठक में जिला सचिव डा.रामचंद्र सरस ने 12 जुलाई 1966 की घटना का ब्योरा बताया। कहा कि पुलिस की गोलीबारी में उन्ना (खरौली), रामसजीवन (महोतरा), माधव (खुरहंड), मइयादीन (करबई), जंगू (इटरा पुरवा), सुकुरूवा (महोखर), रामऔतार यादव (लड़ाका पुरवा), मेघा (महोखर), हेमू (कलानी) और अधिवक्ता राघवेंद्र शहीद हुए थे। चार अन्य शहीदों की पहचान नहीं हो पाई थी। उन्होंने प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बताया कि गंभीर रूप से घायल 60 लोगों को यमुना नदी में जल समाधि दे दी गई थी। 90 घायलों को जेल भेज दिया गया था। 14 जुलाई 1966 को करीब 390 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। भाकपा सचिव ने बताया कि 12 जुलाई (शुक्रवार) को इन शहीदों की याद में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की जाएगी। प्रदेश सचिव डा.गिरीश भी इसमें शरीक होंगे। बैठक में नाथूराम, मदन भाई, मदन शर्मा, जगमोहन आदि शामिल रहे।
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क्या हुआ था...
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के आह्वान पर 12 जुलाई 1966 को हुए प्रदर्शन में अशोक लाट तिराहा में प्रदर्शनकारियों पर पुलिस की गोलियां बरस पड़ीं। करीब 65 राउंड गोलियों ने आधा सैकड़ा से ज्यादा प्रदर्शनकारियों को मौत की नींद सुला दिया था। पुलिस आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ पांच प्रदर्शनकारी मरे जबकि प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार कम से कम 50 व्यक्ति मारे गए।