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बांदा। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन योजना (एनआरएचएम) में ब्लाक कार्यक्रम प्रबंधक (बीपीएम) पद पर की गई नियुक्तियों में धांधली और लेन-देन के आरोप लगाते हुए कई अभ्यर्थियों ने विरोध का मोर्चा खोल दिया है। चेतावनी दी है कि एक सप्ताह में जांच व कार्रवाई न हुई तो क्रमिक उपवास शुरू करेंगे।
पिछले माह कार्यक्रम प्रबंधक पद के लिए आवेदन लिए गए थे। बड़ी संख्या में शिक्षित और अनुभवी बेरोजगार महिला-पुरुषों ने आवेदन किए थे। साक्षात्कार की रस्म अदायगी के बाद गुपचुप ढंग से नियुक्तियां कर दी गईं। पात्रता रखने के बाद भी नियुक्ति न होने पर कई अभ्यर्थियों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। सोमवार को इन अभ्यर्थियों ने अपर जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर आरोप लगाया कि नियुक्तियों में जमकर धांधली और लेन-देन हुआ है। खासकर सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ यह हथकंडे अपनाए गए हैं। अभ्यर्थियों ने कहा कि कोई लिखित परीक्षा नहीं ली गई। न ही अनुभव और शैक्षिक योग्यता को वरीयता दी गई। उन्हें नियुक्त कर दिया गया, जिन्हें स्वास्थ्य या सामाजिक क्षेत्र में कार्य का कोई अनुभव नहीं है। दूसरी तरफ अनुभव और उच्च शिक्षा वाले अभ्यर्थियों को दरकिनार कर दिया गया।
अभ्यर्थियों ने मांग की कि भर्ती प्रक्रिया की जांच टीम से कराई जाए। नियुक्तियां रद्द करते हुए इंटरव्यू और परीक्षा के माध्यम से नियुक्ति हो। चयनित अभ्यर्थियों के आवेदन पत्रों के साथ संलग्न दस्तावेजों की जांच कराई जाए। अभ्यर्थियों ने कहा कि एक सप्ताह में टीम गठित कर जांच नहीं हुई तो स्वतंत्रता स्मारक अशोक लाट में बेमियादी रोजाना क्रमिक उपवास करेंगे। ज्ञापन देने वालों में श्वेता त्रिपाठी, सुनीति त्रिपाठी (बड़ोखर बुजुर्ग), सुरेंद्र कुमार (बबेरू), नीलम गुप्ता, दिनेश पाल सिंह (अतर्रा) शामिल हैं। एडीएम केएन सिंह ने ज्ञापन लेकर जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
बांदा। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन योजना (एनआरएचएम) में ब्लाक कार्यक्रम प्रबंधक (बीपीएम) पद पर की गई नियुक्तियों में धांधली और लेन-देन के आरोप लगाते हुए कई अभ्यर्थियों ने विरोध का मोर्चा खोल दिया है। चेतावनी दी है कि एक सप्ताह में जांच व कार्रवाई न हुई तो क्रमिक उपवास शुरू करेंगे।
पिछले माह कार्यक्रम प्रबंधक पद के लिए आवेदन लिए गए थे। बड़ी संख्या में शिक्षित और अनुभवी बेरोजगार महिला-पुरुषों ने आवेदन किए थे। साक्षात्कार की रस्म अदायगी के बाद गुपचुप ढंग से नियुक्तियां कर दी गईं। पात्रता रखने के बाद भी नियुक्ति न होने पर कई अभ्यर्थियों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। सोमवार को इन अभ्यर्थियों ने अपर जिलाधिकारी को ज्ञापन देकर आरोप लगाया कि नियुक्तियों में जमकर धांधली और लेन-देन हुआ है। खासकर सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ यह हथकंडे अपनाए गए हैं। अभ्यर्थियों ने कहा कि कोई लिखित परीक्षा नहीं ली गई। न ही अनुभव और शैक्षिक योग्यता को वरीयता दी गई। उन्हें नियुक्त कर दिया गया, जिन्हें स्वास्थ्य या सामाजिक क्षेत्र में कार्य का कोई अनुभव नहीं है। दूसरी तरफ अनुभव और उच्च शिक्षा वाले अभ्यर्थियों को दरकिनार कर दिया गया।
अभ्यर्थियों ने मांग की कि भर्ती प्रक्रिया की जांच टीम से कराई जाए। नियुक्तियां रद्द करते हुए इंटरव्यू और परीक्षा के माध्यम से नियुक्ति हो। चयनित अभ्यर्थियों के आवेदन पत्रों के साथ संलग्न दस्तावेजों की जांच कराई जाए। अभ्यर्थियों ने कहा कि एक सप्ताह में टीम गठित कर जांच नहीं हुई तो स्वतंत्रता स्मारक अशोक लाट में बेमियादी रोजाना क्रमिक उपवास करेंगे। ज्ञापन देने वालों में श्वेता त्रिपाठी, सुनीति त्रिपाठी (बड़ोखर बुजुर्ग), सुरेंद्र कुमार (बबेरू), नीलम गुप्ता, दिनेश पाल सिंह (अतर्रा) शामिल हैं। एडीएम केएन सिंह ने ज्ञापन लेकर जांच और कार्रवाई का आश्वासन दिया है।