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साक्ष्य के अभाव में अदालत से बरी

Banda Updated Tue, 29 Jan 2013 05:30 AM IST
बांदा। नाबालिग बालिका को बहलाफुसलाकर ले जाने के मामले में फंसे राजेश गिरि को साक्ष्य के अभाव में अदालत ने बरी कर दिया। वह एक राजनीतिक पार्टी से जुड़े रहे हैं।

सुलक थोक (अतर्रा) निवासी सोनी गिरि ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 12 अप्रैल 2011 को शाम उसके सूने घर से उसकी 14 वर्षीय पुत्री को राजेश गिरि बहलाफुसलाकर कहीं ले गया है। पुलिस ने धारा 363 व 366 आईपीसी का मुकदमा दर्ज किया। किशोरी का डाक्टरी परीक्षण कराया। तफ्तीश के बाद अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। लेकिन पीड़िता और वादी दोनों ही बयान से मुकर गए। डाक्टरी रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि नहीं हुई। सोमवार को विशेष न्यायाधीश (दस्यु प्रभावित क्षेत्र) संगमलाल ने साक्ष्य के अभाव में आरोपी राजेश गिरि को दोष मुक्त कर दिया। अभियुक्त की ओर से पैरवी फौजदारी के वरिष्ठ अधिवक्ता अशोक दीक्षित ने की।
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