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बांदा। मंडल मुख्यालय स्थित राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय में छात्रों को रोजाना परोसे जा रहे घटिया भोजन को लेकर नाराज छात्रों ने विरोध जताया। अधपकी रोटी और पानी भरी बेस्वाद सब्जी के साथ शुक्रवार को प्रदर्शन कर नारेबाजी की। इसके बाद छात्र जब जिलाधिकारी के पास जाने के लिए तैयार हुए तो विद्यालय अधीक्षक ने मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया और किसी तरह उन्हें समझाबुझाकर मनाया। इसके बाद दोबारा भोजन बनवाकर छात्रों को परोसा गया।
गौरतलब है कि आश्रम पद्धति विद्यालय में अव्यवस्थाओं के आरोप पहले भी लगते रहे हैं लेकिन यहां सुधार नहीं हो रहा। यहां विभिन्न वर्गों के लगभग 1100 बालक शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इनमें 60 फीसदी अनुसूचित जाति, 25 प्रतिशत पिछड़ी जाति और 15 प्रतिशत सामान्य जाति के बालक हैं। ये सभी गरीब परिवारों के है। पढ़ाई के साथ इन बालकों को विद्यालय में ही आवासीय सुविधा भी उपलब्ध है। भोजन व्यवस्था विद्यालय की ओर से ही उपलब्ध कराई गई है लेकिन छात्रों का आरोप है कि यह घटिया है। इसी से छात्रों का धैर्य टूट गया तो शुक्रवार को एकजुट होकर उन्होंने नारेबाजी कर रोटी-सब्जी लेकर प्रदर्शन किया। छात्रों का आरोप था कि मेन्यू के मुताबिक भोजन नहीं मिल रहा। जो परोसा जा रहा है वह बेहद घटिया है। शिकायत या विरोध करने पर उन्हें स्कूल से बेदखल किए जाने की धौंस-धमकी दी जाती है। प्रदर्शनकारी छात्रों का एक जत्था जिलाधिकारी के पास रवाना होने को तैयार हुआ तो विद्यालय अधीक्षक ने उनके तेवर देखकर समझाया-बुझाया और उन्हें दोबारा खाना बनवाकर परोसा गया। अधीक्षक अनिल कुमार ने भी स्वीकारा कि शुक्रवार का भोजन ठीक नहीं बना था लेकिन रोजाना भोजन अच्छा बनता है। भोजन बनवाना ठेकेदार अरविंद तिवारी की जिम्मेदारी है।
दूसरी ओर छात्र विनोद कुमार (कक्षा 8), चंद्रशेखर (कक्षा 6), कमलेश (कक्षा 8), जानू (कक्षा 7), किशन (कक्षा 5), नीरज (कक्षा 6) आदि ने आरोप लगाते हुए बताया कि पिछले करीब एक माह से लगातार घटिया भोजन दिया जा रहा है। मेन्यू का पालन नहीं हो रहा। सुबह नाश्ते के नाम पर मात्र दो टोस्ट दिए जाते हैं जबकि मेन्यू के मुताबिक शुक्रवार को दूध के साथ दो ब्रेड तथा मक्खन तथा भोजन में अरहर की दाल, गाजर-मटर मिश्रित सब्जी, चावल उन्हें मिलना चाहिए।
बांदा। मंडल मुख्यालय स्थित राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय में छात्रों को रोजाना परोसे जा रहे घटिया भोजन को लेकर नाराज छात्रों ने विरोध जताया। अधपकी रोटी और पानी भरी बेस्वाद सब्जी के साथ शुक्रवार को प्रदर्शन कर नारेबाजी की। इसके बाद छात्र जब जिलाधिकारी के पास जाने के लिए तैयार हुए तो विद्यालय अधीक्षक ने मुख्य गेट पर ताला जड़ दिया और किसी तरह उन्हें समझाबुझाकर मनाया। इसके बाद दोबारा भोजन बनवाकर छात्रों को परोसा गया।
गौरतलब है कि आश्रम पद्धति विद्यालय में अव्यवस्थाओं के आरोप पहले भी लगते रहे हैं लेकिन यहां सुधार नहीं हो रहा। यहां विभिन्न वर्गों के लगभग 1100 बालक शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। इनमें 60 फीसदी अनुसूचित जाति, 25 प्रतिशत पिछड़ी जाति और 15 प्रतिशत सामान्य जाति के बालक हैं। ये सभी गरीब परिवारों के है। पढ़ाई के साथ इन बालकों को विद्यालय में ही आवासीय सुविधा भी उपलब्ध है। भोजन व्यवस्था विद्यालय की ओर से ही उपलब्ध कराई गई है लेकिन छात्रों का आरोप है कि यह घटिया है। इसी से छात्रों का धैर्य टूट गया तो शुक्रवार को एकजुट होकर उन्होंने नारेबाजी कर रोटी-सब्जी लेकर प्रदर्शन किया। छात्रों का आरोप था कि मेन्यू के मुताबिक भोजन नहीं मिल रहा। जो परोसा जा रहा है वह बेहद घटिया है। शिकायत या विरोध करने पर उन्हें स्कूल से बेदखल किए जाने की धौंस-धमकी दी जाती है। प्रदर्शनकारी छात्रों का एक जत्था जिलाधिकारी के पास रवाना होने को तैयार हुआ तो विद्यालय अधीक्षक ने उनके तेवर देखकर समझाया-बुझाया और उन्हें दोबारा खाना बनवाकर परोसा गया। अधीक्षक अनिल कुमार ने भी स्वीकारा कि शुक्रवार का भोजन ठीक नहीं बना था लेकिन रोजाना भोजन अच्छा बनता है। भोजन बनवाना ठेकेदार अरविंद तिवारी की जिम्मेदारी है।
दूसरी ओर छात्र विनोद कुमार (कक्षा 8), चंद्रशेखर (कक्षा 6), कमलेश (कक्षा 8), जानू (कक्षा 7), किशन (कक्षा 5), नीरज (कक्षा 6) आदि ने आरोप लगाते हुए बताया कि पिछले करीब एक माह से लगातार घटिया भोजन दिया जा रहा है। मेन्यू का पालन नहीं हो रहा। सुबह नाश्ते के नाम पर मात्र दो टोस्ट दिए जाते हैं जबकि मेन्यू के मुताबिक शुक्रवार को दूध के साथ दो ब्रेड तथा मक्खन तथा भोजन में अरहर की दाल, गाजर-मटर मिश्रित सब्जी, चावल उन्हें मिलना चाहिए।