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बांदा। गणतंत्र दिवस में स्वतंत्रता संग्राम और उसके सेनानियों के सम्मान में बढ़चढ़कर भाषण देने वालों को शायद यह खबर नहीं कि देश के लिए लड़ाई लड़ने वाला एक सेनानी जिला अस्पताल में अपनी जिंदगी की जंग लड़ रहा है। इलाज के नाम पर महज खानापूरी हो रही है। पांच दिनों से भर्ती सेनानी की सुध लेने कोई नेता या अफसर यहां नहीं फटका।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विशेश्वर प्रसाद वाजपेयी (बदौसा) लगभग 95 वर्ष के हैं। जंगे आजादी में उनकी अहम भूमिका रही। कई बार जेल गए। देश और कांग्रेस के लिए अपना जीवन खपा दिया। गंभीर रूप से बीमार हो जाने पर वह पांच दिनों से जिला अस्पताल में भर्ती हैं। कमजोरी से कई बार गिर भी पड़े। शरीर पर कई जगह चोटें हैं। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर श्री वाजपेयी ने क्षुब्ध होकर कहा कि इलाज के नाम पर सिर्फ डाक्टर बोतल चढ़ा देते हैं। दवाएं उनका बेटा बाजार से ला रहा है। वही देखरेख और सेवा कर रहा है। पूर्व विधायक रामेश्वर प्रसाद और स्वतंत्रता सेनानी गोपीचरण वाजपेयी के प्रपौत्र हरिश्चंद्र वाजपेयी के अलावा कोई नेता या अफसर उनकी सुध लेने नहीं आया। वह जीवन भर कांग्रेस के लिए सक्रिय रहे लेकिन कांग्रेस नेताओं ने भी उनकी ओर नहीं देखा। उधर, स्वतंत्रता सेनानी का इलाज कर रहे डा.एचडी त्रिपाठी (फिजीशियन) ने बताया कि उम्र अधिक होने से खून की भी कमी है। बदन के जोड़ों में दर्द रहता है। अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डा.टीआर सरसैय्या इलाज कर रहे हैं। बाजार से दवाएं मंगाने के सवाल पर डाक्टरों का कहना है कि जो दवाएं अस्पताल में उपलब्ध हैं वह दी जा रही हैं।
बांदा। गणतंत्र दिवस में स्वतंत्रता संग्राम और उसके सेनानियों के सम्मान में बढ़चढ़कर भाषण देने वालों को शायद यह खबर नहीं कि देश के लिए लड़ाई लड़ने वाला एक सेनानी जिला अस्पताल में अपनी जिंदगी की जंग लड़ रहा है। इलाज के नाम पर महज खानापूरी हो रही है। पांच दिनों से भर्ती सेनानी की सुध लेने कोई नेता या अफसर यहां नहीं फटका।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विशेश्वर प्रसाद वाजपेयी (बदौसा) लगभग 95 वर्ष के हैं। जंगे आजादी में उनकी अहम भूमिका रही। कई बार जेल गए। देश और कांग्रेस के लिए अपना जीवन खपा दिया। गंभीर रूप से बीमार हो जाने पर वह पांच दिनों से जिला अस्पताल में भर्ती हैं। कमजोरी से कई बार गिर भी पड़े। शरीर पर कई जगह चोटें हैं। गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर श्री वाजपेयी ने क्षुब्ध होकर कहा कि इलाज के नाम पर सिर्फ डाक्टर बोतल चढ़ा देते हैं। दवाएं उनका बेटा बाजार से ला रहा है। वही देखरेख और सेवा कर रहा है। पूर्व विधायक रामेश्वर प्रसाद और स्वतंत्रता सेनानी गोपीचरण वाजपेयी के प्रपौत्र हरिश्चंद्र वाजपेयी के अलावा कोई नेता या अफसर उनकी सुध लेने नहीं आया। वह जीवन भर कांग्रेस के लिए सक्रिय रहे लेकिन कांग्रेस नेताओं ने भी उनकी ओर नहीं देखा। उधर, स्वतंत्रता सेनानी का इलाज कर रहे डा.एचडी त्रिपाठी (फिजीशियन) ने बताया कि उम्र अधिक होने से खून की भी कमी है। बदन के जोड़ों में दर्द रहता है। अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डा.टीआर सरसैय्या इलाज कर रहे हैं। बाजार से दवाएं मंगाने के सवाल पर डाक्टरों का कहना है कि जो दवाएं अस्पताल में उपलब्ध हैं वह दी जा रही हैं।