बांदा। आठ महीनों से लोकतंत्र रक्षक सेनानियों को प्रदेश सरकार से स्वीकृत सम्मान राशि नहीं मिल रही। जिले के आधा सैकड़ा से ज्यादा लोकतंत्र रक्षक सेनानी परेशान हैं। मदद न मिलने पर एक बीमार सेनानी नेे पहली जनवरी को आत्मदाह की चेतावनी दी है।
पिछले कार्यकाल में सपा सरकार ने आपातकाल अवधि के मीसा/डीआईआर राजनीतिक जेल बंदियों को लोकतंत्र रक्षक सेनानी घोषित करते हुए उन्हें 1000 रुपए प्रति माह सम्मान राशि दिए जाने की घोषणा की थी। सपा सरकार में इन सेनानियों को यह राशि मिलती रही। बाद में बसपा सरकार ने इसे बंद कर दिया। सपा सरकार फिर बनने पर शासन ने इसी वर्ष अप्रैल से सेनानियों को सम्मान राशि फिर से देने की स्वीकृति दी थी। इस बारे में मंडलायुक्तों और डीएम को निर्देश भेजे गए थे। इस फरमान को आठ माह बीत गए लेकिन किसी भी लोकतंत्र रक्षक सेनानी को सम्मान राशि नहीं मिली है। संबंधित विभाग का कहना है कि पुलिस से सत्यापन रिपोर्ट नहीं आई है। मीसा बंदी लोकतंत्र रक्षक सेनानी नौशाद अली भारतीय ने कहा कि वह इलाज के लिए परेशान हैं। सम्मान राशि नहीं मिली तो 31 दिसंबर को दोपहर स्वतंत्रता स्मारक अशोक लाट में अनशन पर बैठ जाएंगे। अगले दिन पहली जनवरी को अपनी जीवन लीला खत्म कर लेंगे। उधर, इस बारे में प्रशासन के किसी भी अधिकारी से संपर्क नहीं हो सका। सिटी मजिस्ट्रेट का फोन स्वीच आफ रहा। उप जिलाधिकारी ने फोन रिसीव नहीं किया।
बांदा। आठ महीनों से लोकतंत्र रक्षक सेनानियों को प्रदेश सरकार से स्वीकृत सम्मान राशि नहीं मिल रही। जिले के आधा सैकड़ा से ज्यादा लोकतंत्र रक्षक सेनानी परेशान हैं। मदद न मिलने पर एक बीमार सेनानी नेे पहली जनवरी को आत्मदाह की चेतावनी दी है।
पिछले कार्यकाल में सपा सरकार ने आपातकाल अवधि के मीसा/डीआईआर राजनीतिक जेल बंदियों को लोकतंत्र रक्षक सेनानी घोषित करते हुए उन्हें 1000 रुपए प्रति माह सम्मान राशि दिए जाने की घोषणा की थी। सपा सरकार में इन सेनानियों को यह राशि मिलती रही। बाद में बसपा सरकार ने इसे बंद कर दिया। सपा सरकार फिर बनने पर शासन ने इसी वर्ष अप्रैल से सेनानियों को सम्मान राशि फिर से देने की स्वीकृति दी थी। इस बारे में मंडलायुक्तों और डीएम को निर्देश भेजे गए थे। इस फरमान को आठ माह बीत गए लेकिन किसी भी लोकतंत्र रक्षक सेनानी को सम्मान राशि नहीं मिली है। संबंधित विभाग का कहना है कि पुलिस से सत्यापन रिपोर्ट नहीं आई है। मीसा बंदी लोकतंत्र रक्षक सेनानी नौशाद अली भारतीय ने कहा कि वह इलाज के लिए परेशान हैं। सम्मान राशि नहीं मिली तो 31 दिसंबर को दोपहर स्वतंत्रता स्मारक अशोक लाट में अनशन पर बैठ जाएंगे। अगले दिन पहली जनवरी को अपनी जीवन लीला खत्म कर लेंगे। उधर, इस बारे में प्रशासन के किसी भी अधिकारी से संपर्क नहीं हो सका। सिटी मजिस्ट्रेट का फोन स्वीच आफ रहा। उप जिलाधिकारी ने फोन रिसीव नहीं किया।