बांदा। नेशनल रूरल हेल्थ मिशन (एनआरएचएम) घोटाले की सीबीआई जांच का शिकंजा यहां के मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय पर भी कसता जा रहा है। कई मुख्य चिकित्साधिकारी और संबंधित लिपिक जांच के दायरे में हैं। सीबीआई की दो सदस्यीय टीम ने गुरुवार को सीएमओ कार्यालय आकर देर तक जांच-पड़ताल की। कुछ अभिलेख भी तलब किए हैं।
एनआरएचएम में बांदा जनपद को लगभग 35 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे। पूरे प्रदेश में चल रही जांच की श्रृंखला में बांदा जनपद का स्वास्थ्य विभाग भी घिर गया है। दो सदस्यीय सीबीआई दल ने सीएमओ कार्यालय से वर्ष 2005 से 2011 तक तैनात रहे मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के नाम और पतों की जानकारी ली। जो सीएमओ रिटायर हो गए हैं उनके घर के पते लिए। सीएमओ कार्यालय में लंबे अरसे से एनआरएचएम डील कर रहे लिपिक का भी पूरा ब्योरा इकट्ठा किया। सीबीआई ने यह भी पता किया कि किस वर्ष कितना धन आया और किस मद में खर्च हुआ? सीबीआई ने सीएमओ कार्यालय को एक प्रारूप दिया है जिसे भरकर विस्तृत जानकारी भेजने का निर्देश दिया गया है। दो माह पहले भी सीएमओ के पास सीबीआई का एक पत्र आया था। जिसमें यही सब जानकारियां मांगी गईं थीं। लेकिन इस पत्र को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अंतत: सीबीआई अधिकारी खुद आ गए। सीबीआई के आने की पुष्टि सीएमओ डा.आरएस वर्मा ने भी की। उन्होंने बताया कि छुट्टी पर होने से उनकी मुलाकात सीबीआई अधिकारियों से नहीं हो चुकी। सीबीआई टीम संबंधित लिपिक से जानकारी लेकर चले गए हैं। यह भी पता चला है कि सीबीआई टीम उन क्षेत्रों में भी जाएगी जहां एनआरएचएम का पैसा खर्च किया गया है।
बांदा। नेशनल रूरल हेल्थ मिशन (एनआरएचएम) घोटाले की सीबीआई जांच का शिकंजा यहां के मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय पर भी कसता जा रहा है। कई मुख्य चिकित्साधिकारी और संबंधित लिपिक जांच के दायरे में हैं। सीबीआई की दो सदस्यीय टीम ने गुरुवार को सीएमओ कार्यालय आकर देर तक जांच-पड़ताल की। कुछ अभिलेख भी तलब किए हैं।
एनआरएचएम में बांदा जनपद को लगभग 35 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे। पूरे प्रदेश में चल रही जांच की श्रृंखला में बांदा जनपद का स्वास्थ्य विभाग भी घिर गया है। दो सदस्यीय सीबीआई दल ने सीएमओ कार्यालय से वर्ष 2005 से 2011 तक तैनात रहे मुख्य चिकित्सा अधिकारियों के नाम और पतों की जानकारी ली। जो सीएमओ रिटायर हो गए हैं उनके घर के पते लिए। सीएमओ कार्यालय में लंबे अरसे से एनआरएचएम डील कर रहे लिपिक का भी पूरा ब्योरा इकट्ठा किया। सीबीआई ने यह भी पता किया कि किस वर्ष कितना धन आया और किस मद में खर्च हुआ? सीबीआई ने सीएमओ कार्यालय को एक प्रारूप दिया है जिसे भरकर विस्तृत जानकारी भेजने का निर्देश दिया गया है। दो माह पहले भी सीएमओ के पास सीबीआई का एक पत्र आया था। जिसमें यही सब जानकारियां मांगी गईं थीं। लेकिन इस पत्र को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। अंतत: सीबीआई अधिकारी खुद आ गए। सीबीआई के आने की पुष्टि सीएमओ डा.आरएस वर्मा ने भी की। उन्होंने बताया कि छुट्टी पर होने से उनकी मुलाकात सीबीआई अधिकारियों से नहीं हो चुकी। सीबीआई टीम संबंधित लिपिक से जानकारी लेकर चले गए हैं। यह भी पता चला है कि सीबीआई टीम उन क्षेत्रों में भी जाएगी जहां एनआरएचएम का पैसा खर्च किया गया है।