प्रदेश के परिवहन राज्य मंत्री दयाशंकर सिंह ने कहा कि गंगा नदी में वाराणसी से हल्दिया तक विकसित हो रहे राष्ट्रीय जलमार्ग से सुरहाताल को भी जोड़ा जाएगा। इससे बलिया जल परिवहन का हब बनने के साथ ही पर्यटन के मानिचत्र पर महत्वपूर्ण स्थान के तौर पर विकसित होगा। जलमार्ग के हो रहे विकास के क्रम में जिले में करीब तीन जेट्टी के निर्माण की योजना है।
परिवहन मंत्री ने बताया कि पिछले दिनों हुई कैबिनेट की बैठक में वाराणसी से बलिया के बीच करीब 15 जेट्टी बनाने का प्रस्ताव पारित किया गया है। जेट्टी के निर्माण के साथ ही यहां जहाजों के ठहराव का रास्ता साफ हो जाएगा। कहा कि जेट्टी बनने के बाद जलमार्ग से होकर गुजरने वाले जहाज सीधे यहां रुक सकेंगे और उन पर सामान उतारने व चढ़ाने का काम किया जा सकेगा। इससे कोलकाता से होने वाले व्यापार आसान हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि जलमार्ग के विकसित होने से जनपद में पर्यटन के नए युग की शुरुआत होगी। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ ही लोगों को रोजगार भी मिलेगा। जिले के नाविक गंगा नदी में नावों व बोट आदि का संचालन आसानी से कर सकेंगे, जिससे उन्हें रोजगार का अवसर मिलेगा। जल परिवहन का लाभ किसानों को भी मिलेगा। किसान सब्जी व अपने अन्य उत्पाद सीधे वाराणसी भेज सकेंगे। जहाजों का आवागमन शुरू होने के बाद सामानों की ढुलाई सड़क मार्ग के अपेक्षा सस्ती व सुविधाजनक होगी। इससे जहां सड़क मार्ग पर वाहनों का दबाव कम होगा वहीं हादसों में भी कमी आएगी।
कटहल नाले के रास्ते जलमार्ग से जुड़ेगा सुरहा ताल
जलमार्ग के विकसित होने के बाद कटहल नाले के रास्ते इसे सीधे सुरहा ताल से जोड़ा जाएगा। यह पर्यटन के लिहाज से महत्वपूर्ण होगा। इसे देखते हुए ही सुरहा ताल में नावों के संचालन की योजना बनाई गई है। सुरहा ताल में ईको टूरिज्म की व्यवस्था स्थापित की जाएगी। कहा कि सब कुछ ठीक रहा तो बलिया में भी जल्द ही बड़े जहाज व स्पीड बोट आदि का संचालन शुरू हो जाएगा।