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बलिया। सोहांव विकास खंड अंतर्गत श्री संत रामराज गोस्वामी इंटर कालेज दौलतपुर में फर्जी नियुक्ति और अनियमित ढंग से किए गए वेतन भुगतान के मामले में बेसिक शिक्षा निदेशक ने 21 शिक्षकों व कर्मचारियों से लगभग चार करोड़ रुपये की रिकवरी का आदेश दिया है। इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर हुई जांच के अनुसार कालेज में तैनात शिक्षकों से तीन करोड़ बानबे लाख तेरह हजार छह सौ पचास रुपये की रिकवरी कराने का आदेश जिलाधिकारी सहित विभागीय आला अफसरों को दे दिया गया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका याची के अधिवक्ता चंद्रशेखर सिंह की ओर से शशिभूषण सिंह बनाम राज्य सरकार व अन्य के खिलाफ दाखिल की गई। इसमें हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में एडी बेसिक सहित शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दिए गए बयान में याची शशिभूषण सिंह ने कहा है कि श्री संत रामराज गोस्वामी शिक्षा संस्थान दौलतपुर बलिया का संस्थापक एवं आजीवन सदस्य है। यह संस्थान श्री संत रामराज गोस्वामी जूनियर हाईस्कूल (बालक विद्यालय) के नाम से विद्यालय संचालित कर रहा है। विद्यालय को 1972-73 में जूनियर हाईस्कूल की अस्थाई एवं वर्ष 1980 में स्थाई मान्यता प्राप्त हुई। विद्यालय वर्ष 1983 में अनुदान सूची में लिया गया। तत्समय विद्यालय में एक प्रधानाचार्य, पांच सहायक अध्यापक, एक लिपिक, तथा तीन चपरासी मिलाकर कुल 10 शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी कार्यरत थे। वर्ष 1984 में सहायक अध्यापक विष्णु राम तथा वर्ष 1985 में दो सहायक अध्यापक भगवान दयाल राय व जनार्दन यादव की नियुक्ति की गई। इस तरह से 13 शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी कार्यरत हो गए। पूर्व में चपरासी के रूप में तैनात भगवान दयाल राय को सहायक अध्यापक के रूप में कार्यरत हो जाने के बाद ध्रुव नारायण सिंह को चपरासी नियुक्त किया गया। विद्यालय में वर्ष 1991 में फर्जी तरीके से संलगभन प्राइमरी की मान्यता दिखाकर 17 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति की गई। जनवरी 1991 से जुलाई 1991 तक पहली बार वेतन का भु़गतान किया। जबकि इसके वेतन भुगतान का कोई प्रावधान नहीं है।
इस मामले की जांच केबाद एडी बेसिक ने शिक्षा निदेशक को सौंपी रिपोर्ट में कहा है कि 21 शिक्षकों की नियुक्ति कूटरचित एवं फर्जी अभिलेख तैयार कराकर की गई। शिक्षा निदेशक बासुदेव यादव ने रिट में हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में तीन करोड़ बानबे लाख तेरह हजार छ: सौ पचास रुपये की रिकवरी वेतन भुगतान अधिनियम की धारा 10 के अंतर्गत भू राजस्व से कराने का आदेश देते हुए मामले को निस्तारित किया। इस की प्रतिलिपि शासन के विशेष सचिव सहित अधिकारियों को भेज दी है। इसके साथ संबंधित शिक्षकों को भी पत्र भेजा गया है। इस पत्र की प्रतिलिपि हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को भी भेजी गई है।
बलिया। सोहांव विकास खंड अंतर्गत श्री संत रामराज गोस्वामी इंटर कालेज दौलतपुर में फर्जी नियुक्ति और अनियमित ढंग से किए गए वेतन भुगतान के मामले में बेसिक शिक्षा निदेशक ने 21 शिक्षकों व कर्मचारियों से लगभग चार करोड़ रुपये की रिकवरी का आदेश दिया है। इस मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर हुई जांच के अनुसार कालेज में तैनात शिक्षकों से तीन करोड़ बानबे लाख तेरह हजार छह सौ पचास रुपये की रिकवरी कराने का आदेश जिलाधिकारी सहित विभागीय आला अफसरों को दे दिया गया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका याची के अधिवक्ता चंद्रशेखर सिंह की ओर से शशिभूषण सिंह बनाम राज्य सरकार व अन्य के खिलाफ दाखिल की गई। इसमें हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में एडी बेसिक सहित शिक्षा विभाग के अधिकारियों को दिए गए बयान में याची शशिभूषण सिंह ने कहा है कि श्री संत रामराज गोस्वामी शिक्षा संस्थान दौलतपुर बलिया का संस्थापक एवं आजीवन सदस्य है। यह संस्थान श्री संत रामराज गोस्वामी जूनियर हाईस्कूल (बालक विद्यालय) के नाम से विद्यालय संचालित कर रहा है। विद्यालय को 1972-73 में जूनियर हाईस्कूल की अस्थाई एवं वर्ष 1980 में स्थाई मान्यता प्राप्त हुई। विद्यालय वर्ष 1983 में अनुदान सूची में लिया गया। तत्समय विद्यालय में एक प्रधानाचार्य, पांच सहायक अध्यापक, एक लिपिक, तथा तीन चपरासी मिलाकर कुल 10 शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी कार्यरत थे। वर्ष 1984 में सहायक अध्यापक विष्णु राम तथा वर्ष 1985 में दो सहायक अध्यापक भगवान दयाल राय व जनार्दन यादव की नियुक्ति की गई। इस तरह से 13 शिक्षक एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारी कार्यरत हो गए। पूर्व में चपरासी के रूप में तैनात भगवान दयाल राय को सहायक अध्यापक के रूप में कार्यरत हो जाने के बाद ध्रुव नारायण सिंह को चपरासी नियुक्त किया गया। विद्यालय में वर्ष 1991 में फर्जी तरीके से संलगभन प्राइमरी की मान्यता दिखाकर 17 सहायक अध्यापकों की नियुक्ति की गई। जनवरी 1991 से जुलाई 1991 तक पहली बार वेतन का भु़गतान किया। जबकि इसके वेतन भुगतान का कोई प्रावधान नहीं है।
इस मामले की जांच केबाद एडी बेसिक ने शिक्षा निदेशक को सौंपी रिपोर्ट में कहा है कि 21 शिक्षकों की नियुक्ति कूटरचित एवं फर्जी अभिलेख तैयार कराकर की गई। शिक्षा निदेशक बासुदेव यादव ने रिट में हाईकोर्ट के आदेश के अनुपालन में तीन करोड़ बानबे लाख तेरह हजार छ: सौ पचास रुपये की रिकवरी वेतन भुगतान अधिनियम की धारा 10 के अंतर्गत भू राजस्व से कराने का आदेश देते हुए मामले को निस्तारित किया। इस की प्रतिलिपि शासन के विशेष सचिव सहित अधिकारियों को भेज दी है। इसके साथ संबंधित शिक्षकों को भी पत्र भेजा गया है। इस पत्र की प्रतिलिपि हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को भी भेजी गई है।