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भरौली। नरहीं थाना क्षेत्र के कोटवा नारायणपुर निवासी जयप्रकाश कुशवाहा की गोली मारकर की गई हत्या के मामले में पांच दिन बाद भी पुलिस लकीर पीट रही है। अभी तक हत्यारों का सुराग नहीं मिल सका है। रविवार को भाजपा विधायक उपेंद्र तिवारी पीड़ित परिजनों से मिलने गांव पहुंचे। भाजपा नेता ने कहा कि ईंट भट्ठा स्वामी और कारोबारी की हत्या एक लंबी साजिश के तहत की गई है। हत्यारों को यहां की पुलिस व सत्ता के नेताओं का संरक्षण प्राप्त है। पुलिस को सबकुछ मामूल है, लेकिन सत्ता के दबाव में हत्यारोपियों को बचाने का काम किया जा रहा है। कहा कि शासन व प्रशासन की ऐसी सोच समाज के लिए घातक है। विधायक ने मृतक के परिजनों के लिए 20 लाख रुपये आर्थिक मदद की शासन व प्रशासन से मांग की।
कोटवा नारायणपुर निवासी ईंट भट्ठा संचालक जयप्रकाश कुशवाहा की हत्या 23 जनवरी की रात आज्ञात हमलावारों ने गोली मारकर कर दी थी। हत्या के पीछे पुरानी रंजिश का मामला बताया जाता है। परिजनों का आरोप है कि जयप्रकाश की मौत हो जाने पर भी पुलिस उसे इलाज के बहाने जिला अस्पताल ले आई। इससे परिजनों में आक्रोश है। रविवार को जयप्रकाश कुशवाहा की हत्या के मामले में भाजपा नेता उपेंद्र तिवारी ने भी यही संदेश जाहिर किया है। श्री तिवारी ने तो यहां तक कहा कि हत्याकांड में सत्ता के किसी नेता का भी हाथ होना संभव है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि हत्याकांड में संलिप्त लोगों तक कानून के हाथ पहुंच चुके हैं, लेकिन कार्रवाई से कदम पीछे कर ले रहे हैं। वजह पुलिस कार्रवाई में सफेदपोश आड़े आ रहे हैं। उधर, सत्ता से जुड़े नेताओं का कहना है कि हत्या किस कारण हुई, यह कहना मुश्किल है, लेकिन राजनीति करने वालों के लिए किसी पर आरोप मढ़ना बहुत आसान है ? पुलिस को पूरी स्वतंत्रता दी गई है कि वह इस मामले में कठोर कार्रवाई करे और आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार करें।
भरौली। नरहीं थाना क्षेत्र के कोटवा नारायणपुर निवासी जयप्रकाश कुशवाहा की गोली मारकर की गई हत्या के मामले में पांच दिन बाद भी पुलिस लकीर पीट रही है। अभी तक हत्यारों का सुराग नहीं मिल सका है। रविवार को भाजपा विधायक उपेंद्र तिवारी पीड़ित परिजनों से मिलने गांव पहुंचे। भाजपा नेता ने कहा कि ईंट भट्ठा स्वामी और कारोबारी की हत्या एक लंबी साजिश के तहत की गई है। हत्यारों को यहां की पुलिस व सत्ता के नेताओं का संरक्षण प्राप्त है। पुलिस को सबकुछ मामूल है, लेकिन सत्ता के दबाव में हत्यारोपियों को बचाने का काम किया जा रहा है। कहा कि शासन व प्रशासन की ऐसी सोच समाज के लिए घातक है। विधायक ने मृतक के परिजनों के लिए 20 लाख रुपये आर्थिक मदद की शासन व प्रशासन से मांग की।
कोटवा नारायणपुर निवासी ईंट भट्ठा संचालक जयप्रकाश कुशवाहा की हत्या 23 जनवरी की रात आज्ञात हमलावारों ने गोली मारकर कर दी थी। हत्या के पीछे पुरानी रंजिश का मामला बताया जाता है। परिजनों का आरोप है कि जयप्रकाश की मौत हो जाने पर भी पुलिस उसे इलाज के बहाने जिला अस्पताल ले आई। इससे परिजनों में आक्रोश है। रविवार को जयप्रकाश कुशवाहा की हत्या के मामले में भाजपा नेता उपेंद्र तिवारी ने भी यही संदेश जाहिर किया है। श्री तिवारी ने तो यहां तक कहा कि हत्याकांड में सत्ता के किसी नेता का भी हाथ होना संभव है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि हत्याकांड में संलिप्त लोगों तक कानून के हाथ पहुंच चुके हैं, लेकिन कार्रवाई से कदम पीछे कर ले रहे हैं। वजह पुलिस कार्रवाई में सफेदपोश आड़े आ रहे हैं। उधर, सत्ता से जुड़े नेताओं का कहना है कि हत्या किस कारण हुई, यह कहना मुश्किल है, लेकिन राजनीति करने वालों के लिए किसी पर आरोप मढ़ना बहुत आसान है ? पुलिस को पूरी स्वतंत्रता दी गई है कि वह इस मामले में कठोर कार्रवाई करे और आरोपियों को तत्काल गिरफ्तार करें।