बिल्थरारोड। नगर निकाय चुनाव के मद्देनजर मतदाता सूची में भारी पैमाने में गड़बड़ झाला किए जाने से चुनाव की शुचिता पर ग्रहण लग गया है। विभिन्न वार्डों के दर्जनों घरों में भारी संख्या में ग्रामीण क्षेत्रों के मतदाताओं के नाम सुनियोजित साजिश के तहत शामिल किए गए हैं। इससे निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव पर सवालिया निशान लग गए हैं।
नगर पंचायत की मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर धांधली बरते जाने की खबर है। नगर पंचायत से इतर बाहरी मतदाता चुनाव में जन प्रतिनिधियों के भाग्य की इबारत लिखेंगे। ‘भीलों ने बांट लिया वन, राजा को पता तक नहीं’ की तर्ज पर मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य में लगे सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों ने प्रत्याशियों तथा समर्थकों से सांठगांठ कर भारी संख्या में बाहरी लोगों के नाम सूची में अंकित करा लिए। बाहरी के लोगों के नाम को लेकर मकान मालिक भौचक हैं। उन्हें यह नहीं समझ में आ रहा कि बाहरी लोगों के नाम उनके मकान में कैसे लिख दिए गए। हालांकि वस्तुस्थिति से प्रशासन पूरी तरह वाकिफ हैं। किंतु पता नहीं किन परिस्थितियों में बाहरी लोगों के नाम सूची से बाहर करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। इसमें बीएलओ की भूमिका संदेह के घेरे में है। आरोप है कि प्रत्याशियों के झांसे में आकर बीएलओ गलत लोगों के नाम सूची में अंकित कर दिए हैं। ऐसी स्थिति में निष्पक्ष चुनाव होना कतई संभव नहीं है। यही हालत बनी रही तो बाहरी मतदाता नगर पंचायत चुनाव में निर्णायक भूमिका अदा करेंगे। प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा नगरीय वार्ड बाशिंदों को भुगतना पड़ सकता है। प्रशासन को अविलंब ध्यान देकर बाहरी मतदाताओं के नाम सूची से हटाने की प्रभावी व्यवस्था करनी चाहिए। अन्यथा चुनाव की निष्पक्षता तार-तार हो जाएगी।
बिल्थरारोड। नगर निकाय चुनाव के मद्देनजर मतदाता सूची में भारी पैमाने में गड़बड़ झाला किए जाने से चुनाव की शुचिता पर ग्रहण लग गया है। विभिन्न वार्डों के दर्जनों घरों में भारी संख्या में ग्रामीण क्षेत्रों के मतदाताओं के नाम सुनियोजित साजिश के तहत शामिल किए गए हैं। इससे निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव पर सवालिया निशान लग गए हैं।
नगर पंचायत की मतदाता सूची में बड़े पैमाने पर धांधली बरते जाने की खबर है। नगर पंचायत से इतर बाहरी मतदाता चुनाव में जन प्रतिनिधियों के भाग्य की इबारत लिखेंगे। ‘भीलों ने बांट लिया वन, राजा को पता तक नहीं’ की तर्ज पर मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य में लगे सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों ने प्रत्याशियों तथा समर्थकों से सांठगांठ कर भारी संख्या में बाहरी लोगों के नाम सूची में अंकित करा लिए। बाहरी के लोगों के नाम को लेकर मकान मालिक भौचक हैं। उन्हें यह नहीं समझ में आ रहा कि बाहरी लोगों के नाम उनके मकान में कैसे लिख दिए गए। हालांकि वस्तुस्थिति से प्रशासन पूरी तरह वाकिफ हैं। किंतु पता नहीं किन परिस्थितियों में बाहरी लोगों के नाम सूची से बाहर करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। इसमें बीएलओ की भूमिका संदेह के घेरे में है। आरोप है कि प्रत्याशियों के झांसे में आकर बीएलओ गलत लोगों के नाम सूची में अंकित कर दिए हैं। ऐसी स्थिति में निष्पक्ष चुनाव होना कतई संभव नहीं है। यही हालत बनी रही तो बाहरी मतदाता नगर पंचायत चुनाव में निर्णायक भूमिका अदा करेंगे। प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा नगरीय वार्ड बाशिंदों को भुगतना पड़ सकता है। प्रशासन को अविलंब ध्यान देकर बाहरी मतदाताओं के नाम सूची से हटाने की प्रभावी व्यवस्था करनी चाहिए। अन्यथा चुनाव की निष्पक्षता तार-तार हो जाएगी।