बलिया। नगर पालिका परिषद बलिया में सपा उम्मीदवार को लेकर सस्पेंस गहराने लगा है। शुक्रवार को जिलाध्यक्ष के एक प्रत्याशी को समर्थन देने की घोषणा का विरोध शुरू हो गया। अपने आपको सपा का नगर अध्यक्ष बताते हुए बलिराम गुप्ता ने नपा से अपनी पत्नी माधुरी गुप्ता की उम्मीदवारी का दंभ भरा है। वे शनिवार को नगर के एक निजी होटल में पत्रकारों से मुखातिब थे।
कहा कि पार्टी आलाकमान की ओर से सभी कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ने की छूट है। इसकी घोषणा राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव कर चुके हैं। ऐसे में किसी एक व्यक्ति को उम्मीदवार बताना सरासर गलत है। उन्होंने सदर विधायक नारद राय को भी जिलाध्यक्ष द्वारा प्रत्याशी को समर्थन देने की घोषणा करने में संलिप्त होना बताया है।
श्री गुप्ता ने कहा कि मैं वर्ष 2002 से समाजवादी पार्टी का नगर अध्यक्ष हूं। मेरी नियुक्ति प्रदेश अध्यक्ष ने की थी। मैंने नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए अपने पत्नी का आवेदन 31 मई को दिया था। इसके बाद भी बीते दिनों जिलाध्यक्ष द्वारा एक प्रेसवार्ता में मेरे आवेदन का जिक्र तक नहीं किया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि 26 मई को संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद सपा के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने घोषणा किया था कि सभी कार्यकर्ताओं को निकाय चुनाव लड़ने की छूट है। साथ ही उन्होंने पार्टी का सिबंल नहीं देने का एलान किया था। कहा था कि अगर पार्टी सिंबल देती है तो सिर्फ एक कार्यकर्ता को चुनाव लड़ने का मौका मिलता है। ऐसे में जिलाध्यक्ष द्वारा प्रत्याशी घोषित करने का बयान दुर्भाग्यपूर्ण व निराशजनक है। कहा कि मैं पार्टी का निष्ठावान सिपाही हूं और लोहिया तथा जेपी के विचारधारा में आस्था रखता हूं। उन्होंने इस मामले को प्रदेश कार्यकारिणी के बीच ले जाने की बात कही। कहा कि मुझे अभी नगर अध्यक्ष पद से नहीं हटाया गया और मैं नगर अध्यक्ष होने के नाते माधुरी गुप्ता को सपा समर्थित प्रत्याशी होने की घोषण करता हूं। इस मौके पर उनके साथ सपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व जिला महासचिव नंदगोपाल जी मौजूद रहे।
बलिया। नगर पालिका परिषद बलिया में सपा उम्मीदवार को लेकर सस्पेंस गहराने लगा है। शुक्रवार को जिलाध्यक्ष के एक प्रत्याशी को समर्थन देने की घोषणा का विरोध शुरू हो गया। अपने आपको सपा का नगर अध्यक्ष बताते हुए बलिराम गुप्ता ने नपा से अपनी पत्नी माधुरी गुप्ता की उम्मीदवारी का दंभ भरा है। वे शनिवार को नगर के एक निजी होटल में पत्रकारों से मुखातिब थे।
कहा कि पार्टी आलाकमान की ओर से सभी कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ने की छूट है। इसकी घोषणा राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव कर चुके हैं। ऐसे में किसी एक व्यक्ति को उम्मीदवार बताना सरासर गलत है। उन्होंने सदर विधायक नारद राय को भी जिलाध्यक्ष द्वारा प्रत्याशी को समर्थन देने की घोषणा करने में संलिप्त होना बताया है।
श्री गुप्ता ने कहा कि मैं वर्ष 2002 से समाजवादी पार्टी का नगर अध्यक्ष हूं। मेरी नियुक्ति प्रदेश अध्यक्ष ने की थी। मैंने नगर पालिका अध्यक्ष पद के लिए अपने पत्नी का आवेदन 31 मई को दिया था। इसके बाद भी बीते दिनों जिलाध्यक्ष द्वारा एक प्रेसवार्ता में मेरे आवेदन का जिक्र तक नहीं किया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि 26 मई को संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद सपा के प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने घोषणा किया था कि सभी कार्यकर्ताओं को निकाय चुनाव लड़ने की छूट है। साथ ही उन्होंने पार्टी का सिबंल नहीं देने का एलान किया था। कहा था कि अगर पार्टी सिंबल देती है तो सिर्फ एक कार्यकर्ता को चुनाव लड़ने का मौका मिलता है। ऐसे में जिलाध्यक्ष द्वारा प्रत्याशी घोषित करने का बयान दुर्भाग्यपूर्ण व निराशजनक है। कहा कि मैं पार्टी का निष्ठावान सिपाही हूं और लोहिया तथा जेपी के विचारधारा में आस्था रखता हूं। उन्होंने इस मामले को प्रदेश कार्यकारिणी के बीच ले जाने की बात कही। कहा कि मुझे अभी नगर अध्यक्ष पद से नहीं हटाया गया और मैं नगर अध्यक्ष होने के नाते माधुरी गुप्ता को सपा समर्थित प्रत्याशी होने की घोषण करता हूं। इस मौके पर उनके साथ सपा के वरिष्ठ नेता व पूर्व जिला महासचिव नंदगोपाल जी मौजूद रहे।