सुरेमनपुर। ‘बिहार राज्य में आपका स्वागत है’का स्लोगन पार करते ही चमचमाती सड़कें यह बयां कर रही है कि अब यूपी की तुलना में बिहार की सड़के काफी अच्छी है। जबकि बिहार से यूपी में प्रवेश करते ही बदहाल सड़कों का नजारा साफ देखने को मिलता है।
मांझी स्थित जय प्रभा सेतु पर बिहार सरकार द्वारा लगाए गए गेट पर खड़े होने के बाद दोनों तरफ की सड़के देख स्थिति का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। कभी वक्त था जब हम विकास व सड़कों के मुद्दों पर बिहार को कोसते हुए कहते थे कि जहां से गड्ढ़ा वाली सड़क दिखने लगे तो समझिए की बिहार आ गया। लेकिन वक्त बदलने के साथ बिहार की सड़कें यूपी की तुलना में काफी चमचमा रही है। इससे यूपी के द्वाबा के लोग सड़कों के मामलों में बिहारवासियों के सामने अपने को हीन महसूस करने लगे हैं। अब गर्व के साथ नहीं कह पा रहे है कि यूपी की सड़के चमचमा रही है। बल्कि अब बिहार वाले यूपी के द्वाबावायिों से कहते हैं कि क्या यहां के जनप्रतिनिधि सड़कों पर अब ध्यान छोड़ दिए हैं। अब यूपी के द्वाबा में यह समझ में नहीं आ रहा है कि हम सड़क पर चल रहे हैं या गड्ढ़े में। द्वाबा के प्राय: सभी सड़कों की दशा बिहार के एक दशक पूर्व वाली सड़कों जैसी हो गई है। क्षेत्र के विनोद सिंह, व्यापार मंडल रानीगंज के अध्यक्ष जय प्रकाश साहू, रोशन गुप्ता आदि का कहना है कि कभी हम लोगों ने नहीं सोचा था कि सड़कों के मामले में बिहार से हम इतना काफी पिछड़ जाएंगे। लेकिन क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों की उदासीनता और बिहार के जनप्रतिनिधियों की सक्रियता ने आज यह स्थित उत्पन्न किया है।