बलिया। नगर में बिजली कटौती से आवश्यक सेवाओं पर बिजली की किल्लत का असर पड़ा है। नगर में निजी चिकित्सालयों में बिजली किल्लत के चलते मरीजों के समक्ष विकट समस्या उत्पन्न हो गई है। बिजली कटौती के कारण निजी चिकित्सालयों में हजारों रुपये का अतिरिक्त खर्च बढ़ गया है। सरकारी अस्पताल में 24 घंटे बिजली मिलने से कोई खास दिक्कत नहीं हो रही है।
सदर अस्पताल के ऑपरेशन या आकस्मिक चिकित्सा कक्ष में बिजली और जनरेटर की पर्याप्त व्यवस्था है। ऐसे में जिला अस्पताल के कार्य पर कोई खास प्रभाव नहीं पड़ रहा है। कभी कभार बिजली की कटौती होने पर अस्पताल में जेनरेटर चलाकर चिकित्सीय कार्य निबटाना पड़ता है। बिजली कटौती का आलम है कि निजी अस्पतालों में भी लोगों को जूझना पड़ रहा है। जीवन ज्योति अस्पताल के संचालक डा. डी प्रसाद ने बताया कि बिजली कट के चलते अस्पताल के रखरखाव पर करीब ढाई से तीन हजार रुपये का बोझ बढ़ गया। महिला और प्रसूति गृहों के हालात भी कम नाजुक नहीं है। वहीं नगर के दुकानदारों और कारोबारियों की हालत कम दयनीय नहीं है। सराफा व्यवसायी सुनील सर्राफ ने बताया कि नगर में बिजली की बहुत ही खराब स्थिति है। इसके चलते व्यापार को काफी नुकसान हो रहा है। विभाग की उदासीनता के चलते नगर की बिजली व्यस्था पूरी तरह से चरमरा गई है। व्यापारी नेता सुनील परख ने बताया कि बिजली कटौती व्यापार को काफी क्षति पहुंच रही है। समय से पहले ही व्यापारियों को अपने प्रतिष्ठान बंद कर देने पड़ रहे है। आलम यह है कि रात में करीब आठ बजे के बाद कोई बाजार आना ही नहीं चाह रहा है।