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आईटीबीपी के स्वर्णिम वर्ष पर रीवर राफ्टिंग
Ballia
Updated Wed, 30 May 2012 12:00 PM IST
बलिया। भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल की स्थापना के 50 स्वर्णिम वर्ष पूरे होने पर गंगा नदी में एक रीवर राफ्टिंग अभियान शुरू हुआ। भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल की ओर 24 अप्रैल को गंगोत्री से शुरू किया गया अभियान 20 जून को गंगासागर में खत्म होगा। इसके पूर्व 23 अप्रैल को 38 किलोमीटर की दुर्गम पैदल यात्रा कर 4000 मीटर ऊंचाई में स्थित गोमुख में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर अपने गंतव्य गंगासागर की ओर निकल पड़ी है।
गंगोत्री से निकला यह अभियान विभिन्न स्थानों से होते हुए सोमवार को जिले में पहुंचा। इस अभियान का उद्देश्य युवाओं में भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल में भर्ती होने के प्रति रुचि पैदा करना तथा भर्ती से संबंधित विस्तृत जानकारी देना है। अभियान दल लोगों के अंदर गंगा नदी में स्वच्छ पानी, पारिस्थितिकी संरक्षण, जैविकीय संरक्षण और गंगा नदी को साफ रखने के प्रति भी जागरूकता की भावना प्रसारित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए मार्ग में आने वाले ग्रामों और ग्रामवासियों से जानकारी दी जा रही है। जिन स्थानों पर रात्रिकालीन पड़ाव डाला जा रहा है। वहां पर व्यापक पैमाने पर जन जागरण अभियान आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अभियान के दौरान बालावली, बिजनौर, मकदूमपुर, गढ़मुक्तेश्वर, अनुपशहर, अलीपुर, कादिरगंज, फर्रूखाबाद, कन्नौज, कानुपर तथा बक्सर और कालाकांकर में जनजागरण का आयोजन किया गया।
अभियान दल गंगा नदी में प्रदूषण की वस्तुस्थिति को उजागर करने के लिए गंगा नदी में प्रत्येक 50 किलोमीटर की दूरी तथा सभी बड़े शहर में प्रवेश करने से और शहर से निकलने के बाद, पानी और मृदा के नमूने ले रही है। इसके फलस्वरूप गंगा के प्रदूषण के स्तर की जानकारी के साथ गंगा को बचाने के लिए सार्थक कदम उठाए जाने की कोशिश साकार हो सके। यह अभियान दल 58 दिनों में 2525 किलोमीटर की दूरी गंगा नदी में राफटिंग के द्वारा तय करेगा तथा पांच राज्यों के 30 छोटे बड़े शहरों से होकर निकलेगा। 18 सदस्यीय इस दल का नेतृत्व जाने-माने रीवर राफ्टर, उप महानिरीक्षक एसएस मिश्रा कर रहे हैं। वह 1991 में ब्रह्मपुत्र में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय रीवर राफ्टिंग अभियान की सफलता पूर्वक अगुवाई की थी। उप सेनानी तरुण कुमार इस रीवर राफ्टिंग अभियान दल के उप नेता है। गंगासागर पहुंचने पर यह अभियान दल ऐसा करने वाला पहला दल होगा।
बलिया। भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल की स्थापना के 50 स्वर्णिम वर्ष पूरे होने पर गंगा नदी में एक रीवर राफ्टिंग अभियान शुरू हुआ। भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस बल की ओर 24 अप्रैल को गंगोत्री से शुरू किया गया अभियान 20 जून को गंगासागर में खत्म होगा। इसके पूर्व 23 अप्रैल को 38 किलोमीटर की दुर्गम पैदल यात्रा कर 4000 मीटर ऊंचाई में स्थित गोमुख में अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर अपने गंतव्य गंगासागर की ओर निकल पड़ी है।
गंगोत्री से निकला यह अभियान विभिन्न स्थानों से होते हुए सोमवार को जिले में पहुंचा। इस अभियान का उद्देश्य युवाओं में भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल में भर्ती होने के प्रति रुचि पैदा करना तथा भर्ती से संबंधित विस्तृत जानकारी देना है। अभियान दल लोगों के अंदर गंगा नदी में स्वच्छ पानी, पारिस्थितिकी संरक्षण, जैविकीय संरक्षण और गंगा नदी को साफ रखने के प्रति भी जागरूकता की भावना प्रसारित करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए मार्ग में आने वाले ग्रामों और ग्रामवासियों से जानकारी दी जा रही है। जिन स्थानों पर रात्रिकालीन पड़ाव डाला जा रहा है। वहां पर व्यापक पैमाने पर जन जागरण अभियान आयोजित किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में अभियान के दौरान बालावली, बिजनौर, मकदूमपुर, गढ़मुक्तेश्वर, अनुपशहर, अलीपुर, कादिरगंज, फर्रूखाबाद, कन्नौज, कानुपर तथा बक्सर और कालाकांकर में जनजागरण का आयोजन किया गया।
अभियान दल गंगा नदी में प्रदूषण की वस्तुस्थिति को उजागर करने के लिए गंगा नदी में प्रत्येक 50 किलोमीटर की दूरी तथा सभी बड़े शहर में प्रवेश करने से और शहर से निकलने के बाद, पानी और मृदा के नमूने ले रही है। इसके फलस्वरूप गंगा के प्रदूषण के स्तर की जानकारी के साथ गंगा को बचाने के लिए सार्थक कदम उठाए जाने की कोशिश साकार हो सके। यह अभियान दल 58 दिनों में 2525 किलोमीटर की दूरी गंगा नदी में राफटिंग के द्वारा तय करेगा तथा पांच राज्यों के 30 छोटे बड़े शहरों से होकर निकलेगा। 18 सदस्यीय इस दल का नेतृत्व जाने-माने रीवर राफ्टर, उप महानिरीक्षक एसएस मिश्रा कर रहे हैं। वह 1991 में ब्रह्मपुत्र में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय रीवर राफ्टिंग अभियान की सफलता पूर्वक अगुवाई की थी। उप सेनानी तरुण कुमार इस रीवर राफ्टिंग अभियान दल के उप नेता है। गंगासागर पहुंचने पर यह अभियान दल ऐसा करने वाला पहला दल होगा।