बलिया (ब्यूरो)। गंगा की अंतकथा के लिए सरकार की औद्योगिक और आर्थिक नीतियां जिम्मेदार हैं, जिसे कथित समाजवाद का धर्म निरपेक्षता से सींचकर देश में अब भी परिपुष्ट किया जा रहा है। गूंगी सरकारों से गंगा की स्वतंत्रता की आशा पालना भारतीय संस्कृति और राष्ट्र के साथ गहरा विश्वासघात है। गंगा सहित देश की तमाम नदियों की दुर्दशा के लिए सारे दल जिम्मेदार हैं।
यह बात गंगा मुक्ति एवं प्रदूषण विरोधी अभियान के राष्ट्रीय प्रभारी रमाशंकर तिवारी ने वाराणसी में गंगा समस्या के लिए शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती द्वारा कांग्रेस व भाजपा को जिम्मेदार ठहराने की टिप्पणी करते हुए शनिवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। कहा कि गंगा में गोता लगाकर देश के सियासी दल स्वयं की सेहत सुधारने का प्रयास करने लगे हैं। भाजपा पर विशेष प्रहार करते हुए श्री तिवारी ने कहा कि राममंदिर के नाम पर एक सत्ता हथियाने वाली पार्टी गंगा को भी बख्शने के मूड में नहीं है। श्री तिवारी का इशारा मुंबई में भाजपा द्वारा गंगा आंदोलन के परिप्रेक्ष्य में लिए गए निर्णय की ओर था। उन्होंने संतों का चोला पहनकर राष्ट्रीय राजनीति में दरकिनार किए जा रहे दलों का बचाव करने वालों को आड़े हाथों लिया तथा गंगा रक्षा के लिए संपूर्णक्रांति की बात कही। उन्होंने कहा कि 31 मई को कानपुर के गंगातट स्थित जरमढ़ में आयोजित गंगा भक्तों का सम्मेलन आंदोलन को सकारात्मक दिशा देगा।
बलिया (ब्यूरो)। गंगा की अंतकथा के लिए सरकार की औद्योगिक और आर्थिक नीतियां जिम्मेदार हैं, जिसे कथित समाजवाद का धर्म निरपेक्षता से सींचकर देश में अब भी परिपुष्ट किया जा रहा है। गूंगी सरकारों से गंगा की स्वतंत्रता की आशा पालना भारतीय संस्कृति और राष्ट्र के साथ गहरा विश्वासघात है। गंगा सहित देश की तमाम नदियों की दुर्दशा के लिए सारे दल जिम्मेदार हैं।
यह बात गंगा मुक्ति एवं प्रदूषण विरोधी अभियान के राष्ट्रीय प्रभारी रमाशंकर तिवारी ने वाराणसी में गंगा समस्या के लिए शंकराचार्य निश्चलानंद सरस्वती द्वारा कांग्रेस व भाजपा को जिम्मेदार ठहराने की टिप्पणी करते हुए शनिवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान कही। कहा कि गंगा में गोता लगाकर देश के सियासी दल स्वयं की सेहत सुधारने का प्रयास करने लगे हैं। भाजपा पर विशेष प्रहार करते हुए श्री तिवारी ने कहा कि राममंदिर के नाम पर एक सत्ता हथियाने वाली पार्टी गंगा को भी बख्शने के मूड में नहीं है। श्री तिवारी का इशारा मुंबई में भाजपा द्वारा गंगा आंदोलन के परिप्रेक्ष्य में लिए गए निर्णय की ओर था। उन्होंने संतों का चोला पहनकर राष्ट्रीय राजनीति में दरकिनार किए जा रहे दलों का बचाव करने वालों को आड़े हाथों लिया तथा गंगा रक्षा के लिए संपूर्णक्रांति की बात कही। उन्होंने कहा कि 31 मई को कानपुर के गंगातट स्थित जरमढ़ में आयोजित गंगा भक्तों का सम्मेलन आंदोलन को सकारात्मक दिशा देगा।