बलिया। माडल रेलवे स्टेशन पर दुर्व्यवस्था का आलम यह है कि आठ खिड़कियों में से चार पर ही टिकट मिलता है। लोगों के लाख शिकायत के बावजूद दो खिड़की पर ही रिजर्वेशन टिकट मिलता है। जबकि दो खिड़कियों से सामान्य टिकट की बिक्री की जाती है। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के सरकार में कुछ हद तक सुविधाएं मिली लेकिन वर्तमान सभी विकास कार्य ठप पड़ गए हैं।
आलम यह है कि रिजर्वेशन के लिए दो काउंटर होने से आए दिन मारपीट होती रहती है। एक ही लाइन में महिला, विकलांग व सामान्य लोग भी टिकट के लिए दबदबा बनाए रहते हैं। जबकि सामान्य टिकट खिड़कियों पर भी इससे बुरी स्थिति रहती है। कई लोगों को आए दिन टिकट न होने के चलते बिना टिकट यात्रा करना पड़ता है। माडल स्टेशन के नाम पर सुविधाओं का टोटा है। पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के अथक प्रयास के बाद इसे कुछ हद तक संवारने का कार्य किया गया लेकिन विभागीय उदासीनता के चलते आज इस स्टेशन को कोई पूछनहार नहीं है। यहां तक कि दोनों प्लेटफार्मों पर शीतल पेयजल की भी कोई व्यवस्था नहीं है। इस बाबत पूछे जाने पर डीसीआई उदय शंकर सिंह ने बताया कि टिकट खिड़कियों को बढ़ाने के लिए कागजी कार्रवाई की जा चुकी है। जल्द ही अतिरिक्त टिकट खिड़कियां खोली जाएंगी जिस पर महिला, वृद्ध एवं विकलांग लोगों को आसानी के साथ टिकट मिल सकेगा।