बलिया। केंद्र सरकार की ओर से साल में लगातार पांचवीं बार पेट्रोल मूल्य वृद्धि की घोषणा के बाद बुधवार को जिले के आम नागरिकों में जबरदस्त आक्रोश देखने को मिला। विभिन्न माध्यमों से पेट्रोल की कीमतों में निर्बाध इजाफे को लेकर लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है। वक्ताओं का कहना है कि जहां केंद्र सरकार लगातार जन हितों के साथ खिलवाड़ कर रही है, वहीं प्रदेश की सरकारें भी मूल्य वृद्धि पर अप्रत्यक्ष समर्थन कर रही हैं। केंद्र सरकार को इसका खामियाजा वर्ष 2014 में होने वाले लोेक सभा चुनाव में भुगतना पड़ेगा।
व्यापारी नेता सुनील परख ने बताया कि पिछले पेट्रो मूल्यवृद्धि से ही अभी जहां लोगों का आक्रोश थमा नहीं था कि बुधवार को प्रति लीटर करीब साढ़े सात रुपये मूल्य वृद्धि ने एकबार फिर जनता को कराहने पर मजबूर कर दिया। व्यापारी नेता अरविंद गांधी ने बताया कि केंद्र सरकार की इस जन अहित नीति से मध्यम वर्गीय लोगों को झटका मिला है। व्यापारी मिथिलेश ने बताया कि आज पूरा देश महंगाई एवं गरीबी से कराह रहा है। देश की एक बड़ी आबादी को दो जून की रोटी भी ढंग से नसीब नहीं हो पा रही है। ऐसे में पेट्रोल मूल्य वृद्धि का सबसे बुरा झटका सामान्य एवं गरीब तबके पर पड़ा है। अधिवक्ता मनोज राज हंस ने बताया कि एक ही साल में केंद्र सरकार ने कई बार पेट्रोल मूल्य में बढ़ोत्तरी करके जनता की मुश्किलों को जटिल कर दिया है। यह केंद्र सरकार की अदूरदर्शिता एवं जन विरोधी होने का स्पष्ट प्रमाण है। जनता अब महंगाई के साथ ही केंद्र में सत्तारूढ कांग्रेस की सरकार से ऊब चुकी है। धर्मेंद्र गुप्ता ने बताया कि केंद्र सरकार लगातार पेट्रोल एवं रसोई गैस की कीमतों में वृद्धि करके एक-एक जन को जड़ से नेस्तनाबूंद करने पर तुली है। उसे जनता की आर्थिक विपन्नताओं से कोई सरोकार नहीं है। व्यापारी रामायन ने बताया कि पेट्रोल एवं रसोई गैस का मूल्य वृद्धि ने लोगों की कमर तोड़ने का काम किया है। अधिवक्ता प्रभुनाथ चौहान ने बताया कि पेट्रोल के दामों में भारी वृद्धि कर केंद्र की लुटेरी सरकार ने आम आदमी के जीवन को अस्त-व्यस्त करके रख दिया है। मोनू ने बताया कि केंद्र सरकार की नीतियां हमेशा से सामंतशाही एवं जनता की उपेक्षा की रही है।