दुबहर। विकास खंड दुबहर के ग्राम पंचायत अखार में पिछले डेढ़ दशक से स्थित महात्मा गांधी सार्वजनिक पुस्तकालय अपने आप में गागर में सागर समेटे हुए है। जो क्षेत्र के सैकड़ों गांवों के लोगों के बौद्धिक विकास में सहयोगी है।
नेहरू युवा क्लब अखार द्वारा संचालित महात्मा गांधी सार्वजनिक पुस्तकालय 10 नवंबर 1997 को क्षेत्रीय नागरिकों के अनुरोध पर एक किराए के मकान में लोगों से व्यक्तिगत रूप से पुस्तकें इकट्ठा कर शुरू किया गया। जिसमें आज 15 हजार से अधिक पुस्तकें पुस्तकालय की शोभा बढ़ा रही हैं। इसका लाभ बच्चे एवं महिलाएं भी उठा रही हैं। नेहरू युवा क्लब के इस अच्छे प्रयास से प्रभावित होकर पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर ने नौ जनवरी 2004 को पुस्तकालयाध्यक्ष के नाम पत्र लिखकर पुस्तकालय के विकास में सहयोग का आश्वासन दिया था। लेकिन शारीरिक अस्वस्थता के कारण लंबे समय तक बलिया नहीं आ सके। उनके निधन के बाद उनके पुत्र सांसद नीरज शेखर ने पिछले वर्ष पुस्तकालय के कंप्यूटरीकरण के लिए राजा राम मोहन राय पुस्तकालय प्रतिष्ठान को पत्र लिखकर पुस्तकालय को कंप्यूटरीकृत कराया। अपनी पूर्ण क्षमता से सेवा को उत्साहित पुस्तकालय परिवार नित-नए अनुसंधानों की परख एवं संसाधनों के बल पर ज्योति जगा रहा है। इसे उत्तर प्रदेश पुस्तकालय प्रकोष्ठ शिक्षा विभाग द्वारा प्रतिवर्ष बड़ी मात्रा में पुस्तकें एवं अलमीरा उपलब्ध होती रहती हैं। पुस्तकालय प्रभारी डा. अखिलेश सिंह ने बताया कि पुस्तकालय में प्रतिदिन तकरीबन 60 लोग अध्ययन के लिए आते हैं। पुस्तकालय में समय-समय पर गांधी, शास्त्री, नेहरू, तुलसी, संत विवेकानंद आदि की जयंती भी मनाई जाती है। समय-समय पर पल्स-पोलियो, पौधरोपण, टीकाकरण का संदेश भी कार्यकर्ता लोगों को देते रहते हैं।