सुरेमनपुर। मजदूरों को अब मजदूरी के लिए प्रधानों और सचिवों की जी हजूरी नहीं करनी होगी। अब जिले के सभी विकास खंडों में मनरेगा का कार्य आन लाइन करते हुए इएफएमएस से जोड़ा जाएगा। इसके तहत जाबकार्ड धारकों का ई-मस्टरोल इंटर किया जाएगा। इसके साथ ही मजदूरों द्वारा किए गए कार्य का धन उनके खाते में चला जाएगा। इससें ग्राम प्रधान और सचिव के यहां अपनी मजदूरी के लिए मजदूर को चक्कर नहीं काटना पड़ेगा। यह योजना केंद्र सरकार ने मनरेगा में बड़े पैमाने पर हो रहे खेल के मद्देनजर लागू किया है।
वित्तीय वर्ष से पहले मैन्युअल मस्टररोल जाबकार्ड धारकों को दिया जाता था। जिससे ग्राम प्रधान व सचिव बैक डेट कार्य दिवस का गुण-गणित लगा लेते थे। आर्थात अपने मन मुताबिक कार्य दिवस का मस्टरोल भर लिया करते थे। ग्राम प्रधानों व सचिवों के इन खेलों से बचने के लिए अब इमेल पर ई-मस्टरोल के माध्यम से जाबकार्ड धारक अपने काम का डिमांड करेंगे। इसके बाद उन्हें काम दिया जाएगा। बावजूद जाबकार्ड धारक द्वारा काम करने के बाद अपने मजदूरी के लिए चेक प्रदान किया जाता था है। जिसके लिए मजदूरों को ग्राम प्रधान और सचिवों का गणेश परिक्रमा करना पड़ता है। इसको संज्ञान में लेते हुए उत्तर प्रदेश शासन के ग्राम विकास आयुक्त ने 26 अप्रैल 2012 को जिला परियोजना निदेशक को पत्र भेज इएफएमएस (ई फाउंड मैनेजमेंट सिस्टम) को उत्तर प्रदेश में रोल आउट करने के उद्ेदश्य से पत्र लिखा। जिसके आदेशानुसार परियोजना निदेशक बलिया ने बैरिया ब्लाक सहित अन्य ब्लाक के एपीओ से आनलाइन कनेक्टिविटी के विषय में जानकारी मांगी है। साथ ही जाबकार्ड धारकों के सीबीसी बैंक ब्रांच के खाताधारक का खाता संख्या दुरूस्त करने को कहा गया है। अब ईएफएमएस आन लाइन से जोड़ दिया जाएगा तो जाबकार्ड धारक का ई मस्टरोल आनलाइन हो जाएगा तो क्लिक करते ही मनरेगा मजूदरों की मजदूरी उनके खातों में चली जाएगी। इसके लिए संबंधित एपीओ से सारे कागजातों को दुरुस्त कर परियोजना निदेशक के माध्यम से शासन के आयुक्त ने मांगा है। विभागीय सूत्रों की मानें तो इस व्यवस्था को लागू होने में छह माह से साल भर तक का समय लग सकता है। मौजूदा समय में ग्राम प्रधान व सचिव अपने चहेते जाब कार्डधारक को ई मस्टरोल पर उनके कार्य को दर्शा दे रहे हैं और बैंकों से मजदूरी भुगतान के समय ग्राम प्रधान अपने साथ जाबकार्ड धारक को बैंक तक ले जाते हैं। चेक भुगतान के साथ ही पहले से तय मजदूरी मजदूरों को भुगतान कर बाकी धन अपने पास रख लेते हैं। उधर जिला परियोजना निदेशक प्रमोद कुमार यादव ने बताया कि शासन के आदेश के मुताबिक सभी कागजात तैयार कर शासन को भेजने का कार्य शुरू कर दिया गया है। संभव है कि साल भर के अंदर ही जिले के सभी ब्लाकों पर आलाइन पर ईएफएमएस सिस्टम जुड़ जाएगा। जिससे जाबकार्ड धारकों की सभी प्रकार की शिकायतें दूर हो जाएंगी।