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खुली बैठक में शामिल नहीं हुईं बीडीओ
Ballia
Updated Tue, 15 May 2012 12:00 PM IST
गड़वार। मुख्य विकास अधिकारी के आदेश के बाद स्थानीय विकास खंड के शेरवा कला गांव में बैठक करने पहुंची बीडीओ तथा ग्राम पंचायत अधिकारी ने ग्रामीणों की अनदेखी की। इससे आक्रोशित शेरवां के ग्रामीणों ने सीडीओ से मिलकर इसकी शिकायत की। साथ ही गांव में दर्जनभर से अधिक विकास के कार्यों में धांधली का आरोप लगाया।
ग्रामीणों का आरोप रहा कि बीडीओ और ग्राम पंचायत अधिकारी प्रधान के साथ मिलकर विकास कार्यों के लिए मिले धन की लूट खसोट में शामिल हैं। ग्रामीणों की शिकायत को सीडीओ ने गंभीरता से लिया है। ग्रामीणों ने सीडीओ को पत्रक देकर कहा कि वर्ष 2005 से अब तक के मजदूरों को जाब कार्ड नहीं दिया गया है। ग्राम सभा में अब तक एक भी खुली बैठक नहीं बुलाई गई है। मस्टर रोल प्रधान और सचिव के घर पर भरकर हाजिरी लगा ली जाती है। गांव में ऋण द्वारा खोदवाए गए पोखरे पर जाबकार्ड के माध्यम से लाखों रुपये भुना लिए गए हैं। आंगनबाड़ी केंद्र की ढलाई अब तक नहीं हुई है, जबकि इसके पैसे का भुगतान करा लिया गया है। स्कूल में मेन्यू के अनुसार मध्याह्न भोजन नहीं बनाया जाता है। इसको गंभीरता से लेते हुए सीडीओ ने बीडीओ को 14 मई के दिन गांव में खुली बैठक बुलाकर जांच का आदेश दिया था। इसके लिए उन्होंने गांव के प्राथमिक विद्यालय का स्थान सुनिश्चित किया था। सीडीओ द्वारा निर्धारित तिथि को ग्रामीण विद्यालय पर उपस्थित थे, जबकि जांच के लिए गांव में पहुंचीं बीडीओ प्रधान के दरवाजे पर पहुंचकर थोड़ी देर रुकने के बाद कार्यालय के लिए रवाना हो गईं। रास्ते में ग्रामीणों ने बीडीओ को आवाज दी, लेकिन उन्होंने उनकी बातों को अनसुना कर दिया। इस संबंध में बीडीओ बसंती सिंह ने बताया कि गांव में दो जगह ग्रामीण बैठे थे। दोनों जगह भीड़ थी। प्रधान और सचिव जहां थे, वहां मैं गई। प्रधान का कहना था कि चार वर्षों से इसी विद्यालय पर बैठक होती है। बताया कि बैठक में विभिन्न बिंदुओं पर विस्तृत रूप से चरचा की गई। उधर सीडीओ से शिकायत करने वालों में कौशल पटेल, संजय कुमार यादव, सुशील कुमार यादव, रामबहादुर प्रसाद, केशव पटेल, रामयश प्रजापति, राजकुमार प्रजापति आदि रहे।
गड़वार। मुख्य विकास अधिकारी के आदेश के बाद स्थानीय विकास खंड के शेरवा कला गांव में बैठक करने पहुंची बीडीओ तथा ग्राम पंचायत अधिकारी ने ग्रामीणों की अनदेखी की। इससे आक्रोशित शेरवां के ग्रामीणों ने सीडीओ से मिलकर इसकी शिकायत की। साथ ही गांव में दर्जनभर से अधिक विकास के कार्यों में धांधली का आरोप लगाया।
ग्रामीणों का आरोप रहा कि बीडीओ और ग्राम पंचायत अधिकारी प्रधान के साथ मिलकर विकास कार्यों के लिए मिले धन की लूट खसोट में शामिल हैं। ग्रामीणों की शिकायत को सीडीओ ने गंभीरता से लिया है। ग्रामीणों ने सीडीओ को पत्रक देकर कहा कि वर्ष 2005 से अब तक के मजदूरों को जाब कार्ड नहीं दिया गया है। ग्राम सभा में अब तक एक भी खुली बैठक नहीं बुलाई गई है। मस्टर रोल प्रधान और सचिव के घर पर भरकर हाजिरी लगा ली जाती है। गांव में ऋण द्वारा खोदवाए गए पोखरे पर जाबकार्ड के माध्यम से लाखों रुपये भुना लिए गए हैं। आंगनबाड़ी केंद्र की ढलाई अब तक नहीं हुई है, जबकि इसके पैसे का भुगतान करा लिया गया है। स्कूल में मेन्यू के अनुसार मध्याह्न भोजन नहीं बनाया जाता है। इसको गंभीरता से लेते हुए सीडीओ ने बीडीओ को 14 मई के दिन गांव में खुली बैठक बुलाकर जांच का आदेश दिया था। इसके लिए उन्होंने गांव के प्राथमिक विद्यालय का स्थान सुनिश्चित किया था। सीडीओ द्वारा निर्धारित तिथि को ग्रामीण विद्यालय पर उपस्थित थे, जबकि जांच के लिए गांव में पहुंचीं बीडीओ प्रधान के दरवाजे पर पहुंचकर थोड़ी देर रुकने के बाद कार्यालय के लिए रवाना हो गईं। रास्ते में ग्रामीणों ने बीडीओ को आवाज दी, लेकिन उन्होंने उनकी बातों को अनसुना कर दिया। इस संबंध में बीडीओ बसंती सिंह ने बताया कि गांव में दो जगह ग्रामीण बैठे थे। दोनों जगह भीड़ थी। प्रधान और सचिव जहां थे, वहां मैं गई। प्रधान का कहना था कि चार वर्षों से इसी विद्यालय पर बैठक होती है। बताया कि बैठक में विभिन्न बिंदुओं पर विस्तृत रूप से चरचा की गई। उधर सीडीओ से शिकायत करने वालों में कौशल पटेल, संजय कुमार यादव, सुशील कुमार यादव, रामबहादुर प्रसाद, केशव पटेल, रामयश प्रजापति, राजकुमार प्रजापति आदि रहे।