बहराइच। डेढ़ घंटे तक फर्श पर कराहते रहे पूर्व विधायक को जनरल वॉर्ड में भर्ती करा दिया। सोमवार को जब खबर प्रकाशित हुई तो जिला अस्पताल प्रशासन हरकत में आया और उन्हें प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट किया लेकिन अस्पताल प्रशासन की लापरवाही यहां खत्म नहीं होती, पूर्व विधायक को सैंपल लेने के छह घंटे बाद एक यूनिट ब्लड नसीब हो सका। मरीजों को सुविधाएं मुहैया कराने में जिला अस्पताल की वास्तविकता क्या है, इसकी पोल खुल चुकी है, जबकि अधिकारी जांच की बात कहकर लीपापोती में जुटे हुए हैं।
इकौना के मदारा गांव निवासी भगौती प्रसाद 70 के दशक में दो बार सूबे की सबसे बड़ी पंचायत में पहुंचकर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। लेकिन उन्हें नहीं पता था कि उम्र के एक पायदान पर पहुंचने पर उन्हें अपने ही जिले में इलाज के लिए तरसना पड़ेगा। रविवार सुबह 9ः15 बजे पूर्व विधायक को उनके तीन बेटे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे लेकिन डेढ़ घंटे तक इलाज नहीं मिला। वह अस्पताल की फर्श पर कराहते रहे। मीडिया कर्मियों के कहने पर रविवार सुबह 10ः55 पर पूर्व विधायक को भर्ती किया गया लेकिन सामान्य मरीजों की तरह उन्हें जनरल वार्ड में ही रखा गया। इस अव्यवस्था की तस्वीर सोमवार के अंक में अमर उजाला ने प्रमुखता से प्रकाशित की थी। इसके बाद अस्पताल प्रशासन हरकत में आया। आननफानन सोमवार सुबह 10 बजे उन्हें प्राइवेट वार्ड नंबर तीन में शिफ्ट किया गया। इलाज के लिए वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. आरबी सिंह और डॉ. पंकज की ड्यूटी लगाई गई। सोमवार सुबह नौ बजे फिजीशियन डॉ. आरबी सिंह ने पूर्व विधायक को एक यूनिट ब्लड चढ़ाने की आवश्यकता बताई थी। आधे घंटे बाद उनका ब्लड सैंपल तो लिया गया लेकिन छह घंटे बाद 3:30 बजे एक यूनिट ब्लड अस्पताल प्रशासन मुहैया करा सका। सीएमएस डॉ. केराम ने कहा कि इलाज में कोताही कहां हुई, इसकी जांच वह खुद कर रहे हैं। रविवार को जिन डॉक्टरों व कर्मियों की ड्यूटी थी, उनके बयान लिए गए हैं।
पहला सैंपल बेकार होने के कारण हुई देर
सीएमएस डॉ. केराम ने कहा कि डॉक्टर की सलाह के तत्काल बाद लैब टेक्नीशियन ने पूर्व विधायक का ब्लड सैंपल लिया था लेकिन पहला सैंपल स्लाइड बेकार होने के चलते दोबारा सैंपल लेना पड़ा। इस कारण देर हुई है। उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक को रक्त चढ़ाया जा रहा है। उनके स्वास्थ्य में सुधार है।
सादे कागज पर हस्ताक्षर करवाने का प्रयास कर रहे चिकित्सक
पूर्व विधायक के पुत्र राधेश्याम ने बताया कि अस्पताल के कुछ डॉक्टर सुबह उसके पास सादा कागज लेकर आए थे। उस पर हस्ताक्षर करवा रहे थे लेकिन उसने हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। उसके बाद दोपहर में एक चिकित्सक और वार्ड ब्वॉय ने दोबारा सादे कागज पर हस्ताक्षर करवाने का प्रयास किया लेकिन राधेश्याम ने पिता के ठीक होने के बाद हस्ताक्षर करवाने की बात कही। इस मामले में सीएमएस कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं।
सपा जिलाध्यक्ष ने अस्पताल पहुंच पूछा हालचाल
बहराइच। सोमवार शाम सपा जिलाध्यक्ष रामहर्ष यादव ने अस्पताल पहुंचकर हालचाल लिया। सपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि पूर्व विधायक के इलाज में कोताही नहीं बरती जानी चाहिए। लगभग आधे घंटे तक सपा जिलाध्यक्ष मौके पर मौजूद रहे। इस दौरान अस्पताल के चिकित्सक व कर्मचारी भी मौजूद रहे।
बहराइच। डेढ़ घंटे तक फर्श पर कराहते रहे पूर्व विधायक को जनरल वॉर्ड में भर्ती करा दिया। सोमवार को जब खबर प्रकाशित हुई तो जिला अस्पताल प्रशासन हरकत में आया और उन्हें प्राइवेट वार्ड में शिफ्ट किया लेकिन अस्पताल प्रशासन की लापरवाही यहां खत्म नहीं होती, पूर्व विधायक को सैंपल लेने के छह घंटे बाद एक यूनिट ब्लड नसीब हो सका। मरीजों को सुविधाएं मुहैया कराने में जिला अस्पताल की वास्तविकता क्या है, इसकी पोल खुल चुकी है, जबकि अधिकारी जांच की बात कहकर लीपापोती में जुटे हुए हैं।
इकौना के मदारा गांव निवासी भगौती प्रसाद 70 के दशक में दो बार सूबे की सबसे बड़ी पंचायत में पहुंचकर क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। लेकिन उन्हें नहीं पता था कि उम्र के एक पायदान पर पहुंचने पर उन्हें अपने ही जिले में इलाज के लिए तरसना पड़ेगा। रविवार सुबह 9ः15 बजे पूर्व विधायक को उनके तीन बेटे लेकर जिला अस्पताल पहुंचे लेकिन डेढ़ घंटे तक इलाज नहीं मिला। वह अस्पताल की फर्श पर कराहते रहे। मीडिया कर्मियों के कहने पर रविवार सुबह 10ः55 पर पूर्व विधायक को भर्ती किया गया लेकिन सामान्य मरीजों की तरह उन्हें जनरल वार्ड में ही रखा गया। इस अव्यवस्था की तस्वीर सोमवार के अंक में अमर उजाला ने प्रमुखता से प्रकाशित की थी। इसके बाद अस्पताल प्रशासन हरकत में आया। आननफानन सोमवार सुबह 10 बजे उन्हें प्राइवेट वार्ड नंबर तीन में शिफ्ट किया गया। इलाज के लिए वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. आरबी सिंह और डॉ. पंकज की ड्यूटी लगाई गई। सोमवार सुबह नौ बजे फिजीशियन डॉ. आरबी सिंह ने पूर्व विधायक को एक यूनिट ब्लड चढ़ाने की आवश्यकता बताई थी। आधे घंटे बाद उनका ब्लड सैंपल तो लिया गया लेकिन छह घंटे बाद 3:30 बजे एक यूनिट ब्लड अस्पताल प्रशासन मुहैया करा सका। सीएमएस डॉ. केराम ने कहा कि इलाज में कोताही कहां हुई, इसकी जांच वह खुद कर रहे हैं। रविवार को जिन डॉक्टरों व कर्मियों की ड्यूटी थी, उनके बयान लिए गए हैं।
पहला सैंपल बेकार होने के कारण हुई देर
सीएमएस डॉ. केराम ने कहा कि डॉक्टर की सलाह के तत्काल बाद लैब टेक्नीशियन ने पूर्व विधायक का ब्लड सैंपल लिया था लेकिन पहला सैंपल स्लाइड बेकार होने के चलते दोबारा सैंपल लेना पड़ा। इस कारण देर हुई है। उन्होंने कहा कि पूर्व विधायक को रक्त चढ़ाया जा रहा है। उनके स्वास्थ्य में सुधार है।
सादे कागज पर हस्ताक्षर करवाने का प्रयास कर रहे चिकित्सक
पूर्व विधायक के पुत्र राधेश्याम ने बताया कि अस्पताल के कुछ डॉक्टर सुबह उसके पास सादा कागज लेकर आए थे। उस पर हस्ताक्षर करवा रहे थे लेकिन उसने हस्ताक्षर करने से मना कर दिया। उसके बाद दोपहर में एक चिकित्सक और वार्ड ब्वॉय ने दोबारा सादे कागज पर हस्ताक्षर करवाने का प्रयास किया लेकिन राधेश्याम ने पिता के ठीक होने के बाद हस्ताक्षर करवाने की बात कही। इस मामले में सीएमएस कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं।
सपा जिलाध्यक्ष ने अस्पताल पहुंच पूछा हालचाल
बहराइच। सोमवार शाम सपा जिलाध्यक्ष रामहर्ष यादव ने अस्पताल पहुंचकर हालचाल लिया। सपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि पूर्व विधायक के इलाज में कोताही नहीं बरती जानी चाहिए। लगभग आधे घंटे तक सपा जिलाध्यक्ष मौके पर मौजूद रहे। इस दौरान अस्पताल के चिकित्सक व कर्मचारी भी मौजूद रहे।