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जरवलरोड (बहराइच)। सांस की बीमारी से पीड़ित एक महिला को लेकर कई घंटों तक एंबुलेंस स्वास्थ्य केंद्रों में भटकती रही लेकिन हर जगह चिकित्सक मौजूद नहीं थे। आखिर में कैसरगंज सीएचसी पर डॉक्टर मिले, लेकिन महिला की हालत गंभीर होने के कारण उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। अस्पताल ले जाते समय महिला ने दम तोड़ दिया। चिकित्सकों की लापरवाही से आक्रोशित परिजनों व लोगों ने सीएचसी मुस्तफाबाद पर प्रदर्शन किया और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की।
रविवार रात मुस्तफाबाद निवासी आमना बेगम (58) पत्नी मोहम्मद सिद्दीक की तबियत खराब हो गई, शरीर में ऐंठन के साथ उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी। वह काफी समय से सांस की बीमारी से पीड़ित थी। हालत बिगड़ने लगी तो परिजनों ने 108 पर एबुंलेंस को सूचना दी। एंबुलेंस चालक कुतुबुद्दीन महिला को लेकर सीएचसी मुस्ताफाबाद पहुंचा लेकिन यहां डॉक्टर नहीं मिले। इसके बाद वह बीमार महिला को लेकर स्वास्थ्य केंद्र जरवल पहुंचा। यहां भी डॉक्टर नहीं थे। इस पर महिला को कैसरगंज सीएचसी पहुंचाया गया, यहां पर चिकित्सकों ने उपचार शुरू किया लेकिन महिला की हालत खराब होने के कारण डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जिला अस्पताल ले जाते समय आमना ने दम तोड़ दिया। परिजनों व क्षेत्रीय लोगों ने सोमवार को मुस्तफाबाद स्वास्थ्य केंद्र पर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। सभी 24 घंटे स्वास्थ्य केंद्र संचालन की मांग कर रहे थे। स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी मुस्तफाबाद डॉ. वीके सिंह के समझाने पर सभी शांत हुए। परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराए बगैर ही अंतिम संस्कार करा दिया।
बीते गुुरुवार को भी हरदी सीएचसी पर ताला लगा होने के कारण प्रसव के बाद एक महिला की मौत हो गई थी। आमना के परिजनों का कहना है कि अगर समय से डॉक्टर मिल जाते, तो आमना की जान बच जाती।
दोषियों पर होगी कार्रवाई : सीएमओ
सीएमओ डॉ. उमाकांत का कहना है कि उन्हें सीएचसी कैसरगंज क्षेत्र में महिला की मौत की अब हुई है। अगर डॉक्टर के अभाव में मौत हुई है तो जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
कई बार लिखा पत्र : प्रभारी चिकित्साधिकारी
मुस्तफाबाद सीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. वीके सिंह का कहना है कि सीएचसी पर न तो मानक के अनुरूप डॉक्टर हैं न संसाधन। उनके पास भी दो स्थानों का प्रभार है। इस मामले में अधिकारियों को पत्र लिखा गया है, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। उनका कहना है कि सोमवार रात वह जरवलरोड में थे, लेकिन महिला के बीमार होने की सूचना नहीं मिली।
जरवलरोड (बहराइच)। सांस की बीमारी से पीड़ित एक महिला को लेकर कई घंटों तक एंबुलेंस स्वास्थ्य केंद्रों में भटकती रही लेकिन हर जगह चिकित्सक मौजूद नहीं थे। आखिर में कैसरगंज सीएचसी पर डॉक्टर मिले, लेकिन महिला की हालत गंभीर होने के कारण उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। अस्पताल ले जाते समय महिला ने दम तोड़ दिया। चिकित्सकों की लापरवाही से आक्रोशित परिजनों व लोगों ने सीएचसी मुस्तफाबाद पर प्रदर्शन किया और आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की।
रविवार रात मुस्तफाबाद निवासी आमना बेगम (58) पत्नी मोहम्मद सिद्दीक की तबियत खराब हो गई, शरीर में ऐंठन के साथ उसे सांस लेने में तकलीफ होने लगी। वह काफी समय से सांस की बीमारी से पीड़ित थी। हालत बिगड़ने लगी तो परिजनों ने 108 पर एबुंलेंस को सूचना दी। एंबुलेंस चालक कुतुबुद्दीन महिला को लेकर सीएचसी मुस्ताफाबाद पहुंचा लेकिन यहां डॉक्टर नहीं मिले। इसके बाद वह बीमार महिला को लेकर स्वास्थ्य केंद्र जरवल पहुंचा। यहां भी डॉक्टर नहीं थे। इस पर महिला को कैसरगंज सीएचसी पहुंचाया गया, यहां पर चिकित्सकों ने उपचार शुरू किया लेकिन महिला की हालत खराब होने के कारण डॉक्टरों ने उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया। जिला अस्पताल ले जाते समय आमना ने दम तोड़ दिया। परिजनों व क्षेत्रीय लोगों ने सोमवार को मुस्तफाबाद स्वास्थ्य केंद्र पर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। सभी 24 घंटे स्वास्थ्य केंद्र संचालन की मांग कर रहे थे। स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी मुस्तफाबाद डॉ. वीके सिंह के समझाने पर सभी शांत हुए। परिजनों ने शव का पोस्टमार्टम कराए बगैर ही अंतिम संस्कार करा दिया।
बीते गुुरुवार को भी हरदी सीएचसी पर ताला लगा होने के कारण प्रसव के बाद एक महिला की मौत हो गई थी। आमना के परिजनों का कहना है कि अगर समय से डॉक्टर मिल जाते, तो आमना की जान बच जाती।
दोषियों पर होगी कार्रवाई : सीएमओ
सीएमओ डॉ. उमाकांत का कहना है कि उन्हें सीएचसी कैसरगंज क्षेत्र में महिला की मौत की अब हुई है। अगर डॉक्टर के अभाव में मौत हुई है तो जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
कई बार लिखा पत्र : प्रभारी चिकित्साधिकारी
मुस्तफाबाद सीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. वीके सिंह का कहना है कि सीएचसी पर न तो मानक के अनुरूप डॉक्टर हैं न संसाधन। उनके पास भी दो स्थानों का प्रभार है। इस मामले में अधिकारियों को पत्र लिखा गया है, लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है। उनका कहना है कि सोमवार रात वह जरवलरोड में थे, लेकिन महिला के बीमार होने की सूचना नहीं मिली।