बिछिया (बहराइच)। भवानीपुर गांव में बुधवार रात नेपाल से आए हाथी ने चार घंटे जमकर उत्पात मचाया। पांच मकान व एक स्कूल को तहस-नहस किया। वनकर्मियों के साथ ग्रामीण हाथी को भगाने की मशक्कत करते रहे। पांच चक्र फायरिंग की गई लेकिन रात 12:15 बजे के आसपास हाथी नेपाल की ओर गया। हाथी के उत्पात से लगभग दो लाख की संपत्ति के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है।
कतर्नियाघाट संरक्षित वन क्षेत्र के कतर्नियाघाट रेंज अंतर्गत भवानीपुर गांव में बुधवार रात आठ बजे के आसपास नेपाल के रॉयल बर्दिया नेशनल पार्क से एक हाथी चिंघाड़ता हुआ आ पहुंचा। हाथी ने सबसे पहले गांव के बाहर स्थित प्राथमिक विद्यालय भवानीपुर के टिनशेड को तहस-नहस कर दिया। इसके बाद कुंजीलाल के घर पर धावा बोला। हाथी के उत्पात को देखकर गांव के लोग भाग खड़े हुए। सूचना पाकर रेंज कार्यालय से वनकर्मी भी आ पहुंचे। मशाल जलाकर ग्रामीणों ने ढोल पीटते हुए हांका लगाना शुरू किया लेकिन हाथी नहीं हटा। ग्रामीणों और वनकर्मियों के काफी प्रयास के बावजूद हाथी ने नन्हें, साधू, छोटेलाल, मोहन के मकान को भी तहस-नहस कर दिया। रात 12 बजे के आसपास जब हाथी का उत्पात और बढ़ा तब वनकर्मियों ने पांच चक्र फायरिंग की। इसके बाद ग्रामीणों ने समूह में मशाल जलाया, तब हाथी गेरुआ नदी में उतर गया। हाथी जब उस पार पहुंचा तब ग्रामीणों का शोर थमा। दहशत के चलते पूरी रात गांव के लोग सो नहीं सके।
वन क्षेत्राधिकारी वसी इकबाल नकवी, वन दरोगा गया प्रसाद और मनोज कुमार रात दो बजे रेंज कार्यालय लौटे। रेंजर ने बताया कि हाथी के उत्पात का आंकलन किया जा रहा है। इसके बाद पीड़ित ग्रामीणों को मुआवजा प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कतर्नियाघाट और रॉयल बर्दिया नेशनल पार्क के बीच आए दिन हाथी व अन्य वन्यजीवों का आवागमन होता है, ऐसे में पर्यावरण की दृष्टि से इनके आगमन पर रोक नहीं लगाई जा सकती है।
बिछिया (बहराइच)। भवानीपुर गांव में बुधवार रात नेपाल से आए हाथी ने चार घंटे जमकर उत्पात मचाया। पांच मकान व एक स्कूल को तहस-नहस किया। वनकर्मियों के साथ ग्रामीण हाथी को भगाने की मशक्कत करते रहे। पांच चक्र फायरिंग की गई लेकिन रात 12:15 बजे के आसपास हाथी नेपाल की ओर गया। हाथी के उत्पात से लगभग दो लाख की संपत्ति के नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा है।
कतर्नियाघाट संरक्षित वन क्षेत्र के कतर्नियाघाट रेंज अंतर्गत भवानीपुर गांव में बुधवार रात आठ बजे के आसपास नेपाल के रॉयल बर्दिया नेशनल पार्क से एक हाथी चिंघाड़ता हुआ आ पहुंचा। हाथी ने सबसे पहले गांव के बाहर स्थित प्राथमिक विद्यालय भवानीपुर के टिनशेड को तहस-नहस कर दिया। इसके बाद कुंजीलाल के घर पर धावा बोला। हाथी के उत्पात को देखकर गांव के लोग भाग खड़े हुए। सूचना पाकर रेंज कार्यालय से वनकर्मी भी आ पहुंचे। मशाल जलाकर ग्रामीणों ने ढोल पीटते हुए हांका लगाना शुरू किया लेकिन हाथी नहीं हटा। ग्रामीणों और वनकर्मियों के काफी प्रयास के बावजूद हाथी ने नन्हें, साधू, छोटेलाल, मोहन के मकान को भी तहस-नहस कर दिया। रात 12 बजे के आसपास जब हाथी का उत्पात और बढ़ा तब वनकर्मियों ने पांच चक्र फायरिंग की। इसके बाद ग्रामीणों ने समूह में मशाल जलाया, तब हाथी गेरुआ नदी में उतर गया। हाथी जब उस पार पहुंचा तब ग्रामीणों का शोर थमा। दहशत के चलते पूरी रात गांव के लोग सो नहीं सके।
वन क्षेत्राधिकारी वसी इकबाल नकवी, वन दरोगा गया प्रसाद और मनोज कुमार रात दो बजे रेंज कार्यालय लौटे। रेंजर ने बताया कि हाथी के उत्पात का आंकलन किया जा रहा है। इसके बाद पीड़ित ग्रामीणों को मुआवजा प्रदान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कतर्नियाघाट और रॉयल बर्दिया नेशनल पार्क के बीच आए दिन हाथी व अन्य वन्यजीवों का आवागमन होता है, ऐसे में पर्यावरण की दृष्टि से इनके आगमन पर रोक नहीं लगाई जा सकती है।