बागपत। पुलिस कस्टडी से हथियार लूटकर बदमाश अमित उर्फ भूरा को छुड़ाकर ले जाने वाले बदमाशों की तलाश में लगे पुलिस के अधिकारी अभी तक यह मालूम नहीं कर पाए हैं कि इस वारदात के लिए देहरादून पुलिस की लापरवाही जिम्मेदार है या नहीं? आला अफसरों तक का कहना है कि अभी जांच चल रही है। इस बीच नई जानकारी यह आई है कि देहारदून के एक सिपाही ने भूरा की अभिरक्षा में लगे एक कांस्टेबल को एक नहीं, चार बार फोन किया था। वह हर बार उसकी लोकेशन मालूम कर रहा था। पुलिस अधिकारियों ने उससे भी लंबी पूछताछ की है।
देहरादून के डीआईजी संजय गुंजयाल ने बागपत पुलिस लाइन में बताया कि उस सिपाही से पूछताछ की जा चुकी है। अभी तक उसकी कोई भूमिका सामने नहीं आई है। उसने जिस सिपाही को फोन किया, वह उसका रूममेट हैं लेकिन अभी जांच चल रही है। उधर, पुलिस सूत्रों ने बताया कि दोनों सिपाहियों की कॉल डिटेल भी निकलवाई गई है।
यूपी के एडीजी कानून व्यवस्था मुकुल गोयल से जब पुलिसवालों की लापरवाही पर सवाल किया गया तो उन्होंने भी यही जवाब दिया कि जांच अभी पूरी नहीं हुई है।
सभी पहलुओं पर पड़ताल चल रही है। यह भी देखा जा रहा है कि लापरवाही अनजाने में हुई या जान बूझकर?। उधर, पुलिस सूत्रों का कहना है कि पुलिसवालों की आंखोें में चिली स्प्रे डालने वाले बदमाश भी स्कार्पियों में ही आए थे। जबकि पुलिसवालों का बयान था कि दो बदमाश उनके साथ ही सवारी बनकर बैठ गए थे, उन्होंने ही मिर्ची स्प्रे डाला था। इस विरोधाभास ने भी कई सवाल पैदा कर दिए हैं।
हालांकि इस पर मेरठ जोन के आईजी आलोक कुमार का कहना है कि थ्री व्हीलर का ड्राइवर झूठ बोल रहा है। यह नहीं मालूम कि वह ऐसा क्यों कर रहा है। उनका कहना था कि थ्री व्हीलर में बैठे बदमाशों ने ही चिली स्प्रे डाला था।
बागपत। पुलिस कस्टडी से हथियार लूटकर बदमाश अमित उर्फ भूरा को छुड़ाकर ले जाने वाले बदमाशों की तलाश में लगे पुलिस के अधिकारी अभी तक यह मालूम नहीं कर पाए हैं कि इस वारदात के लिए देहरादून पुलिस की लापरवाही जिम्मेदार है या नहीं? आला अफसरों तक का कहना है कि अभी जांच चल रही है। इस बीच नई जानकारी यह आई है कि देहारदून के एक सिपाही ने भूरा की अभिरक्षा में लगे एक कांस्टेबल को एक नहीं, चार बार फोन किया था। वह हर बार उसकी लोकेशन मालूम कर रहा था। पुलिस अधिकारियों ने उससे भी लंबी पूछताछ की है।
देहरादून के डीआईजी संजय गुंजयाल ने बागपत पुलिस लाइन में बताया कि उस सिपाही से पूछताछ की जा चुकी है। अभी तक उसकी कोई भूमिका सामने नहीं आई है। उसने जिस सिपाही को फोन किया, वह उसका रूममेट हैं लेकिन अभी जांच चल रही है। उधर, पुलिस सूत्रों ने बताया कि दोनों सिपाहियों की कॉल डिटेल भी निकलवाई गई है।
यूपी के एडीजी कानून व्यवस्था मुकुल गोयल से जब पुलिसवालों की लापरवाही पर सवाल किया गया तो उन्होंने भी यही जवाब दिया कि जांच अभी पूरी नहीं हुई है।
सभी पहलुओं पर पड़ताल चल रही है। यह भी देखा जा रहा है कि लापरवाही अनजाने में हुई या जान बूझकर?। उधर, पुलिस सूत्रों का कहना है कि पुलिसवालों की आंखोें में चिली स्प्रे डालने वाले बदमाश भी स्कार्पियों में ही आए थे। जबकि पुलिसवालों का बयान था कि दो बदमाश उनके साथ ही सवारी बनकर बैठ गए थे, उन्होंने ही मिर्ची स्प्रे डाला था। इस विरोधाभास ने भी कई सवाल पैदा कर दिए हैं।
हालांकि इस पर मेरठ जोन के आईजी आलोक कुमार का कहना है कि थ्री व्हीलर का ड्राइवर झूठ बोल रहा है। यह नहीं मालूम कि वह ऐसा क्यों कर रहा है। उनका कहना था कि थ्री व्हीलर में बैठे बदमाशों ने ही चिली स्प्रे डाला था।