बागपत। इंतहा हो गई इंतजार की... मंत्रीजी के हाथों चेक मिलने की लालसा में सुबह से ही छात्राएं मंत्री जी के इंतजार में कलक्ट्रेट पर बैठ गईं, दोपहर और फिर शाम हो गई। शाम को पांच बजे उनका इंतजार पूरा हो पाया और प्रभारी मंत्री ने उन्हें चेक दिया।
बागपत के प्रभारी मंत्री चितरंजन स्वरुप को सोमवार को अपराह्न 3 बजे हमारी बेटी उसका कल योजना के तहत छात्राओं को चेक वितरित करना था। इसके लिए कार्यक्रम पहले से ही तय को गया। जनपद के शहरी एवं दूर दराज इलाकों से चुनी गईं 55 बालिकाओं को सूचना दे दी गई। इन बालिकाओं को दोपहर 12 बजे तक ही कलेक्ट्रेट में आने के लिए कह दिया गया। बताया जाता है कि दूर दराज के ग्रामीण अंचल की बालिकाएं सुबह 9-10 बजे ही अपने घरों से निकल पड़ीं, बालिकाओं के साथ उनके पारिवार का एक सदस्य भी कलक्ट्रेट पहुंच गए। छात्राओं की गिनती भी करा ली गई और हाजिरी भी लगवा दी गई। 12 बजे से बालिकाओं ने मंत्री का इंतजार शुरू कर दिया। दो बजे तक प्रभारी मंत्री को बागपत के लोक निर्माण भवन के निरीक्षण भवन में पहुंचना था और 3 बजे चेक वितरित किया जाना था।
पूरा प्रशासनिक अमला दोपहर 12 बजे से ही निरीक्षण भवन और कलक्ट्रेट के चक्कर लगाने में चक्करघिन्नी बने रहे। निरीक्षण भवन पर सलामी देने के लिए सलामी गारद खड़ी हो गई। लेकिन मंत्री जी दो बजे तो क्या पांच बजे तक भी नहीं पहुंचे। मंत्री जी के लेट होते देख प्रशासनिक अधिकारियों को बालिकाओं की सुध आई और शिक्षा विभाग को तुरंत बालिकाओं को कुछ खाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। जिस पर बालिकाओं के लिए एक केला और एक समोसा दिलवा दिया गया। लेकिन उनके साथ आए परिवार के सदस्य को इससे अलग रखा गया।
चार बजे शामली के कार्यक्रम में शामिल होकर आने के बाद शाम पांच बजे बागपत कलक्ट्रेट पहुंचे और बालिकाआें की जान में जान आई। इसके बाद तो मंत्री जी कहीं रुके ही नहीं, निरीक्षण भवन में जाने की बजाय सीधे मेरठ की ओर निकल गए। शाम छह बजे बालिकाएं अपने घर के लिए निकल सकीं। बताया जाता है कि दूर दराज के कुछ इलाके तो ऐसे हैं जहां आवागमन का साधन ही नहीं है।
सीधे खातों में ही भिजवा देते
कलक्ट्रेट पर दिन भर परेशान रहीं बालिकाओं का कहना था कि एक ओर तो सरकार योजनाओं का लाभ की धनराशि उसके खातों में ही भेज रही है, इस तरह की योजना में मंत्री के हाथों चेक दिलवाकर दिखावा किया जा रहा है। खाता नंबर लेकर सीधे खातों में ही भिजवा देते।