पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर
कहीं भी, कभी भी।
*Yearly subscription for just ₹299 Limited Period Offer. HURRY UP!
बागपत। झाड़-फूंक, जादू-टोना और तंत्र-मंत्र के दम पर बड़े-बड़े चमत्कार दिखाने का दावा करने वाले बाबाओं को पांच करोड़ जीतने का ‘गोल्डन चांस’ मिला है। इसके लिए उन्हें किसी मुश्किल सवाल का जवाब नहीं देना है। बल्कि इस सिद्धपुरुषाें का बस अपनी तंत्र विद्या का चमत्कार दिखाना है। इसके एवज में अमेरिका की जेम्स रेडी एजुकेशन सोसाइटी एक मिलियन डॉलर देगी। इससे ऑफर का उद्देश्य दुनिया की आंखों से अंधविश्वास का परदा हटाना है।
यहीं नहीं राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद के वरिष्ठ वैज्ञानिक नरेन्द्र नायक ने भी ऐसा ही एक ऑफर दे रखा है। उनका कहना है कि अगर कोई बाबा आत्मा, जिन्न, भूत-प्रेत साबित कर दे तो वे उसके नाम अपनी पूरी संपत्ति(जो कम से कम एक करोड़ है) कर देंगे।
नायक यहां सम्राट पृथ्वीराज कॉलेज में प्रगति विज्ञान क्लब की ओर से आयोजित दो दिवसीय ‘चमत्कारों की वैज्ञानिक व्याख्या - आओ विज्ञान से अंधविश्वास दूर करें’ विषयक सेमिनार में शिरकत करने आए हुए हैं। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी संस्था के चेक की फोटो कॉपी भी दिखाई।
उन्हें बताया कि चमत्कार कुछ नहीं, सिर्फ हाथ की सफाई है। उन्होंने प्रोजेक्टर के माध्यम से समझाया कि पुट्ठापर्थी के स्वर्गीय साईं बाबा कैसे हवा में हाथ हिलाकर भभूत और सोने की चेन बना देते थे। उन्होंने इसका प्रयोग करके भी दिखाया। उन्होेंने हवा से भभूत, सोने की चेन ही नहीं, सौ-सौ के नोट भी निकालकर दिखाए।
ऐसे बाबा एक तो आस्था और भक्ति के नाम पर डराते हैं, दूसरा बड़े बड़े नेता-अभिनेता ऐसे बाबाओं के पास जाते हैं, इसलिए लोग उनसे न तो सवाल करते हैं, ना ही सच्चाई जानने का प्रयास करते हैं।
मां-बाप अपने बच्चों में बचपन से ही दाढ़ी वाले बाबा, भूत-प्रेत, आत्मा का डर बैठाते हैं। इसलिए वे पाखंड को स्वीकार कर लेते हैं। विज्ञान के माध्यम से सच को उजागर किया जा सकता है।
बताते हैं बेटा, लिखते हैं बेटी
बागपत। जिला विज्ञान क्लब मेरठ के समन्वयक और प्रगति विज्ञान क्लब से सचिव दीपक शर्मा ने शर्तिया बेटा होने का दावा करने वाले पाखंडी बाबाओं की पोल खोली। उन्होंने बताया कि ये ढोंगी महिला को भभूत देकर कहते तो ये हैं कि बेटा होगा, लेकिन अपने रजिस्टर में उसके नाम और तारीख के आगे लिखते हैं बेटी। अब अगर उसे बेटा हो जाए, तो वह इनका गुणगान करेगी ही। और अगर बेटी होने पर इनके पास शिकायत लेकर आए तो रजिस्टर दिखा देते हैं, जिसमें बेटी लिखा होता है। यह देख वहां मौजूद लोग समझते हैं, कि बाबा ने जो लिखा था, वही हुआ।
बागपत। झाड़-फूंक, जादू-टोना और तंत्र-मंत्र के दम पर बड़े-बड़े चमत्कार दिखाने का दावा करने वाले बाबाओं को पांच करोड़ जीतने का ‘गोल्डन चांस’ मिला है। इसके लिए उन्हें किसी मुश्किल सवाल का जवाब नहीं देना है। बल्कि इस सिद्धपुरुषाें का बस अपनी तंत्र विद्या का चमत्कार दिखाना है। इसके एवज में अमेरिका की जेम्स रेडी एजुकेशन सोसाइटी एक मिलियन डॉलर देगी। इससे ऑफर का उद्देश्य दुनिया की आंखों से अंधविश्वास का परदा हटाना है।
यहीं नहीं राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद के वरिष्ठ वैज्ञानिक नरेन्द्र नायक ने भी ऐसा ही एक ऑफर दे रखा है। उनका कहना है कि अगर कोई बाबा आत्मा, जिन्न, भूत-प्रेत साबित कर दे तो वे उसके नाम अपनी पूरी संपत्ति(जो कम से कम एक करोड़ है) कर देंगे।
नायक यहां सम्राट पृथ्वीराज कॉलेज में प्रगति विज्ञान क्लब की ओर से आयोजित दो दिवसीय ‘चमत्कारों की वैज्ञानिक व्याख्या - आओ विज्ञान से अंधविश्वास दूर करें’ विषयक सेमिनार में शिरकत करने आए हुए हैं। इस दौरान उन्होंने अमेरिकी संस्था के चेक की फोटो कॉपी भी दिखाई।
उन्हें बताया कि चमत्कार कुछ नहीं, सिर्फ हाथ की सफाई है। उन्होंने प्रोजेक्टर के माध्यम से समझाया कि पुट्ठापर्थी के स्वर्गीय साईं बाबा कैसे हवा में हाथ हिलाकर भभूत और सोने की चेन बना देते थे। उन्होंने इसका प्रयोग करके भी दिखाया। उन्होेंने हवा से भभूत, सोने की चेन ही नहीं, सौ-सौ के नोट भी निकालकर दिखाए।
ऐसे बाबा एक तो आस्था और भक्ति के नाम पर डराते हैं, दूसरा बड़े बड़े नेता-अभिनेता ऐसे बाबाओं के पास जाते हैं, इसलिए लोग उनसे न तो सवाल करते हैं, ना ही सच्चाई जानने का प्रयास करते हैं।
मां-बाप अपने बच्चों में बचपन से ही दाढ़ी वाले बाबा, भूत-प्रेत, आत्मा का डर बैठाते हैं। इसलिए वे पाखंड को स्वीकार कर लेते हैं। विज्ञान के माध्यम से सच को उजागर किया जा सकता है।
बताते हैं बेटा, लिखते हैं बेटी
बागपत। जिला विज्ञान क्लब मेरठ के समन्वयक और प्रगति विज्ञान क्लब से सचिव दीपक शर्मा ने शर्तिया बेटा होने का दावा करने वाले पाखंडी बाबाओं की पोल खोली। उन्होंने बताया कि ये ढोंगी महिला को भभूत देकर कहते तो ये हैं कि बेटा होगा, लेकिन अपने रजिस्टर में उसके नाम और तारीख के आगे लिखते हैं बेटी। अब अगर उसे बेटा हो जाए, तो वह इनका गुणगान करेगी ही। और अगर बेटी होने पर इनके पास शिकायत लेकर आए तो रजिस्टर दिखा देते हैं, जिसमें बेटी लिखा होता है। यह देख वहां मौजूद लोग समझते हैं, कि बाबा ने जो लिखा था, वही हुआ।