लोकप्रिय और ट्रेंडिंग टॉपिक्स

विज्ञापन
Hindi News ›   Uttar Pradesh ›   Azamgarh News ›   Three people taken hostage in Ethiopia returned told their grief

इथियोपिया में बंधक बनाए गए तीन लोग वापस लौटे: सुनाया अपना दुख, 'खाने में कभी चटनी रोटी तो कभी प्याज रोटी दी'

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, आजमगढ़ Published by: किरन रौतेला Updated Fri, 09 Dec 2022 03:11 PM IST
सार

आजमगढ़ के वेलकुंडा गांव के संजय कुमार मिश्र, चंदाभारी के राज बहादुर चौबे व जूड़ा रामपुर के संदीप सिंह को नौ मार्च 2022 को गाजियाबाद की प्रीत मशीनरी रोलिंग मशीन की ओर से इथियोपिया भेजे गए थे। थदास स्टील ने इनका वीजा बनवाया था।

इथियोपिया में बंधक बनाए गए तीन लोग वापस लौटे: सुनाया अपना दुख, 'खाने में कभी चटनी रोटी तो कभी प्याज
इथियोपिया में बंधक बनाए गए तीन लोग वापस लौटे: सुनाया अपना दुख, 'खाने में कभी चटनी रोटी तो कभी प्याज - फोटो : अमर उजाला

विस्तार

अफ्रीकी महाद्वीप के इथियोपिया में बंधक बनाए गए आजमगढ़ जनपद के तीन लोग गुरुवार को अपने वतन को लौटे। इससे परिवार में खुशी का माहौल है। इथियोपिया में कंपनी के मालिक ने उनका वीजा और पास्पोर्ट जब्त कर लिया। जिसके कारण उन्हें वीजा समाप्त होने के बाद भी छह माह का समय बिताना पड़ा।


जानकारी मुताबिक आजमगढ़ के वेलकुंडा गांव के संजय कुमार मिश्र, चंदाभारी के राज बहादुर चौबे व जूड़ा रामपुर के संदीप सिंह को नौ मार्च 2022 को गाजियाबाद की प्रीत मशीनरी रोलिंग मशीन की ओर से इथियोपिया भेजे गए थे। थदास स्टील ने इनका वीजा बनवाया था। एग्रीमेंट के तहत इन लोगों को तीन महीने बाद तीन जून को वापस आना था लेकिन कंपनी ने इन लोगों के वीजा और पासपोर्ट को जब्त कर उन्हें बंधक लिया था। संजय मिश्रा इस कंपनी में बतौर रोलिंग फोरमैन और बाकी दो लोग फिटर पद पर तैनात हुए थे। पूरे देश से पांच लोग गए थे जिनमें तीन आजमगढ़ के रहने वाले थे बाकी दो बलिया और छत्तीसगढ़ के रहने वाले थे। रोलिंग फोरमैन संजय मिश्रा ने बताया कि वह लोग रोलिंग मिल की कमीशनिंग करने गए थे। लेकिन वहां के मालिक ने उन लोगों से मिल की कमीशनिंग के बजाय प्रोडक्शन शुरू करा दिया।

इस बारे में जब उन लोगों ने मना किया तो कैद कर लिया गया। इस बात की जानकारी परिजनों और शुभचिंतकों को दी तो दूतावास से संपर्क किया गया। संजय मिश्रा ने बताया कि वहां पर उन लोगों को जानवरों की तरह खाना दिया जाता था और कैद करके रखा गया था। 12 से 14 घंटे काम कराया जाता था। तरह-तरह की यातना दी गई। दवा, टूथपेस्ट और ब्रश के लिए परेशान होना पड़ा। जबकि इस बारे में वहां के दूतावास से संपर्क किया पर वहां पर राजदूत के सहायक के रूप में तैनात राजवीर सिंह की तरह से कोई सहयोग नहीं मिला। एग्रीमेंट के तहत उन लोगों को तीन जून तक आ जाना चाहिए पर बृहस्पतिवार को यानी आठ दिसंबर को अपने वतन की वापसी हुई है।

अयोध्या पहुंच पहले मंन्नत को पूरा किया, फिर लौटे घर
इथियोपिया में बंधक बनाए गए संजय मिश्रा ने बताया कि जब उन्हें बंधक बनाा गया था तभी सभी लोगों ने मंन्नत मांगी कि यहां से वतन लौटे तो सबसे पहले हम अयोध्या पहुंचकर भगवान श्रीराम और हनुमानजी का दर्शन कर ही घर जाएंगे। जब उन लोगों की वतन वापसी हुई तो अयोध्या पहुंच गए, वहां हनुमानजी के और श्रीरामजी के दर्शन कर शाम छह बजे आजमगढ़ के भंवरनाथ में भगवान भोलेनाथ का दर्शन कर सभी लोग अपने-अपने घरों को रवाना हुए।

खाने में कभी चटनी रोटी तो कभी प्याज रोटी दी
निजामाबाद तहसील के चंदाभारी के रहने वाले राजबहादुर चौबे ने बताया कि कंपनी ने उनका उत्पीड़न किया। खाने में कभी चटनी रोटी तो कभी प्याज रोटी दी जाती थी। आज नौ माह बाद अपने वतन वापसी हुई तो बहुत अच्छा लग रहा है।
विज्ञापन
विज्ञापन
विज्ञापन

रहें हर खबर से अपडेट, डाउनलोड करें Android Hindi News App, iOS Hindi News App और Amarujala Hindi News APP अपने मोबाइल पे|
Get all India News in Hindi related to live update of politics, sports, entertainment, technology and education etc. Stay updated with us for all breaking news from India News and more news in Hindi.

विज्ञापन
विज्ञापन

एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें

क्षमा करें यह सर्विस उपलब्ध नहीं है कृपया किसी और माध्यम से लॉगिन करने की कोशिश करें

;

Followed

;