अतरौलिया। बूढ़नपुर तहसील के उपजिलाधिकारी द्वारा वकीलों को गुंडा कहने से नाराज अधिवक्ताओं ने शनिवार को हंगामा करते हुए डीएम के नाम का ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। नाराज अधिवक्ताओं ने उपनिबंधक कार्यालय में भी ताला जड़ दिया। अधिवक्ताओं के हंगामे के बीच लगभग तीन घंटे तक तहसील का कार्य प्रभावित रहा।
घटना के संबंध में बूढ़नपुर अधिवक्ता संघ के पूर्व अध्यक्ष मिथिलेश सिंह ने बताया कि बूढ़नपुर उपनिबंधक कार्यालय द्वारा तहसील के विभिन्न गांवों को विभिन्न श्रेणी में बांट दिया है। ऐसे गांवों को नगरी, अर्द्धनगरी, सामान्य, विशिष्ठ, अतिविशिष्ठ, सामान्य श्रेणी में रखा गया है। इसी के आधार पर इन गांवों का रजिस्ट्री शुल्क भी लिया जाता है। लेकिन कार्यालय द्वारा गांवों के चयन में अनियमितता बरती गई है। इसमें नगर की श्रेणी में कई अर्द्ध नगरी, सामान्य की श्रेणी में अतिविशिष्ठ गांवों को शामिल कर दिया गया है। जिसकी वजह से यहां की जमीन खरीदने वालों को अधिक शुल्क देना पड़ रहा है। पूर्व अध्यक्ष के मुताबिक इस बात की जानकारी होने पर अधिवक्ता वर्ग नाराजगी व्यक्त करते हुए उपनिबंधक कार्यालय पहुंचा और रजिस्टार से बातचीत कर रहे थे कि वे आक्रोशित होकर भला-बुरा बकने लगे। अधिकारी की इस ओछी हरकत से नाराज होकर अधिवक्ताओं ने काम बंद कर दिया। साथ ही विरोध स्वरूप उपनिबंधक कार्यालय में ताला जड़ दिए। इस दौरान अधिवक्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। यह सब हो ही रहा था कि एसडीएम बुढनपुर भी वहां पहुुुंच गए, अधिवक्ताओं का आरोप है कि बातचीत करने के दौरान एसडीएम ने उन्हे ‘गुंडा’ कहा, फिर क्या था नाराज होकर अधिवक्ता और उग्र रुख अख्तियार कर लिए। साथ ही नारेबाजी करते हुए सभी साथियों से हड़ताल करने की अपील की। इस दौरान पूरी तहसील का करीब तीन घंटे तक कामकाज प्रभावित रहा। नाराज अधिवक्ताओं ने डीएम के नाम का ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। इस अवसर पर श्यामनरायण सिंह, बहादुर राम, रामकेश यादव, अनिल कुमार सिंह, ओमप्रकाश, प्रवीण सिंह, अजय श्रीवास्तव, ओमप्रकाश लाल, जयप्रकाश मौर्य, दिनेश सिंह, जगतनरायन त्रिपाठी, शीतला प्रसाद चतुर्वेदी, अवनीशचंद्र मिश्रा समेत अन्य अधिवक्तागण मौजूद थे। दूसरी तरफ संपर्क करने पर एसडीएम बूढ़नपुर अमृतलाल बिंद ने कहा कि हमने किसी अधिवक्ता को गुंडा नहीं कहा है, यह उनके द्वारा मनगढ़ंत कहानी है। हां इतना जरूर हुआ कि हमने सभी को शांति पूर्वक बैठकर बातचीत करने के लिए आमंत्रित किया था।