आजमगढ़। उलेमा काउंसिल के कार्यकर्ता की हत्या मामले में शुक्रवार को जिला जज के कोर्ट में उपस्थित होकर तत्कालीन पुलिस अधीक्षक रमित शर्मा ने अपना बयान दर्ज कराया। उनके साथ तत्कालीन सीओ फूलपुर शैलेंद्र राय का भी बयान रिकार्ड किया गया। बयान में देर होने के चलते बहस का कार्य पूरा नहीं हो सका। इस पर कोर्ट ने नई तिथि तय की। इस दौरान एएसपी सर्वेश राना के द्वारा दिए गए हलफनामा की घटना के दिन वे छुट्टी पर थे, पर कोर्ट ने उन्हें बयान से मुक्त कर दिया।
फूलपुर कोतवाली क्षेत्र के जगदीशपुर गांव के पास बीते 12 जून 2009 को उलेमा काउंसिल और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच कहासुनी के बाद संघर्ष हो गया था। इस दौरान गोली लगने से उलेमा काउंसिल के कार्यकर्ता अब्दुल रहमान की मौत हो गई थी। साथ ही साथ तीन घायल हुए थे। मामले में भाजपा के सदर सांसद रमाकांत यादव को नामजद किया गया था। जिला जज के कोर्ट ने तत्कालीन पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ रमित शर्मा, एएसपी सर्वेश राना और सीओ फूलपुर शैलेंद्र राय को गवाही के लिए तलब किया था। शुक्रवार को मुख्य बयान रिकार्ड होने के बाद बचाव पक्ष के अधिवक्ता स्वामीनाथ यादव ने तत्कालीन एसपी से घटना के दिन वायरलेस के रिकार्ड पर दर्ज हुए बिंदु के बारे में पूछताछ कर उनके बयानों को रिकार्ड कराए। इस दौरान ‘एनआर’और ‘जीआर’ पर भेजे जाने वाले मैसेज पर मामला उलझ गया। इस बीच कोर्ट का समय समाप्त हो गया। परिणाम स्वरूप अदालत ने अगली सुनवाई के लिए12 जून को तिथि तय की है। इस दौरान कोर्ट में सांसद रमाकांत यादव, उलेमा काउंसिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष आमिर रशादी आदि लोग उपस्थित थे।